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ओरमांझी चिड़ियाघर में जिराफ की मौत पर बड़ा खुलासा! पोस्टमार्टम रिपोर्ट चौंकाने वाला; उद्यान निदेशक का फोन बंद

Ormanjhi Zoo Giraffe: ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में जिराफ मिष्टी की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात सामने आयी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि वह गर्भवती थी. साथ ही जिराफ मिष्टी के प्रति उद्यान प्रबंधन ने लापरवाही बरती है.

Ormanjhi Zoo Giraffe: राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में बीते 3 सितंबर को जिराफ मिष्टी की मौत हो गयी थी. मिष्टी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आयी कि वह गर्भवती थी. उसके गर्भ में भ्रूण पाया गया है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गर्भ कितने माह का था. रिपोर्ट में जिराफ के पैर में जख्म होन की भी पुष्टि की गयी है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जख्म की वजह से ही वह बाड़े में गिर गयी और गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गयी.

उद्यान प्रबंधन ने किया नियम उल्लंघन

जिराफ का सार्वजनिक प्रदर्शन करने के पूर्व भगवान बिरसा जैविक उद्यान प्रबंधन ने निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया था. नियमों का उल्लंघन करते हुए जिराफ को लोगों के सामने प्रदर्शित कर दिया गया. किसी भी वन्य प्राणी को एक चिड़ियाघर से दूसरे चिड़ियाघर लाये जाने पर 30 दिनों तक क्वारेंटाइन (अलग और अकेले) रखने का नियम है, जिससे वह नयी जगह के वातावरण के अनुरूप खुद को ढाल सके. लेकिन, उद्यान प्रबंधन ने जिराफ को पर्याप्त समय दिये बिना ही आमलोगों के सामने प्रदर्शित कर दिया.

एक सप्ताह बाद ही मिष्टी को किया प्रदर्शित

पिछले महीने 8 अगस्त को मिष्टी रांची पहुंची थी. और केवल एक सप्ताह बाद 15 अगस्त से उसका सार्वजनिक प्रदर्शन किया जाने लगा. माना जा रहा है कि कम समय मिलने के कारण मिष्टी खुद को नये वातावरण में नहीं ढाल पायी होगी. इससे पैदा हुए तनाव में रहने की वजह से जिराफ को समस्या उत्पन्न हुई होगी.

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उद्यान निदेशक का फोन बंद

इस संबंध में पूछने के लिए उद्यान के निदेशक जब्बर सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन, उनका मोबाइल लगातार ऑफ मिला. उद्यान के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ओपी साहू ने मामले में कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद जांच जारी है. इससे ज्यादा कुछ भी बताने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं. ज्यादा जानकारी के लिए निदेशक से संपर्क करें. मामले में कुछ भी बताने के लिए वही अधिकृत व्यक्ति हैं.

बाड़े पर लगभग 60 लाख खर्च करने का दावा

उल्लेखनीय है कि जिराफ को रखने के लिए भगवान बिरसा उद्यान में पहले से बने बाड़े पर लगभग 60 लाख रुपये खर्च कर उसे बेहतर बनाने का दावा किया गया है. लेकिन, उद्यान प्रबंधन द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा है कि उक्त राशि खर्च कर बाड़े में कौन सी सुविधाएं बहाल की गयी थीं.

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Dipali Kumari
Dipali Kumari
नमस्कार! मैं दीपाली कुमारी, एक समर्पित पत्रकार हूं और पिछले 3 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यरत हूं, जहां झारखंड राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और जन सरोकार के मुद्दों पर आधारित खबरें लिखती हूं. इससे पूर्व दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट सहित अन्य प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों के साथ भी कार्य करने का अनुभव है.

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