BAU Jharkhand| रांची, राणा प्रताप: झारखंड हाईकोर्ट ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के वैज्ञानिकों को बड़ी राहत दी है. उच्च न्यायालय ने वैज्ञानिकों को 60 साल में रिटायर करने के आदेश पर फैसला सुनाते हुए रोक लगा दी है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उक्त मामले के संबंध में विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है. इस मामले में अगली सुनवाई 22 जून को होगी. उक्त मामला बीएयू द्वारा वैज्ञानिकों की रिटायरमेंट आयु 65 साल से घटाकर 60 साल करने का है. विवि के इस फैसले को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इसी मामले में अदालत में सुनवायी हुई.
इस आदेश पर लगायी रोक
जानकारी के अनुसार, झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय प्रसाद की वेकेशन बेंच ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वैज्ञानिकों को 60 साल में सेवानिवृत्त करने के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद बेंच ने बीएयू के वैज्ञानिकों को 60 साल में सेवानिवृत्त करने के आदेश पर रोक लगा दी. इसके साथ ही अदालत ने बीएयू (BAU) और आइसीएआर (ICAR) को मामले में जवाब दायर करने का निर्देश भी दिया है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जून की तिथि तय की है. सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्रा ने पक्ष रखा.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
प्रार्थी के वकील ने क्या बताया
मामले में बहस कर रहे वकील अभय कुमार मिश्रा ने अदालत को बताया कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ डायरेक्टरेट ने 25 अप्रैल 2023 को विश्वविद्यालय में कार्यरत वैज्ञानिकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 65 वर्ष कर दी थी. हाइकोर्ट की एकल पीठ ने भी विवि के उस निर्णय को सही माना था. इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने प्रार्थियों को पांच मई 2025 को एक नोटिस देकर 60 साल में ही सेवानिवृत्त करने की बात कही. इस पर प्रार्थी ने याचिका दायर की. मालूम हो कि याचिका प्रार्थी डॉ प्रदीप प्रसाद और अन्य की ओर से दायर की गयी है. उन्होंने विश्वविद्यालय के 60 साल में सेवाननिवृत्त करने के आदेश को चुनौती दी है.
इसे भी पढ़ें
Birsa Zoological Park: बिरसा जैविक उद्यान में शेरनी प्रियंका की मौत, डॉक्टरों ने ये बतायी मौत की वजह
झारखंड के लिए खुशखबरी : जल्द आयेगा मानसून, खेती को मिलेगा बूस्ट