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झारखंड में हुए जमीन घोटालों की सीबीआई या न्यायिक जांच करायें, बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी ने सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी ने कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई या हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर प्रदेश में अब तक हुए जमीन घोटालों की जांच करायी जाये.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बाबूलाल मरांडी ने सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है. झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी ने कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई या हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर प्रदेश में अब तक हुए जमीन घोटालों की जांच करायी जाये. सरकारी दस्तावेजों के रख-रखाव में सरकारी सिस्टम में खामी का भी उन्होंने आरोप लगाया है.

दस्तावेजों में हेरफेर करके हो रही जमीन की खरीद-बिक्री

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राजधानी रांची ही नहीं, राज्य के कई जिलों में ऐसे कई जमीन माफिया सक्रिय हैं, जिन्होंने दस्तावेजों में हेरफेर करके जमीन की खरीद-बिक्री की है. झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि सरकारी सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर जालसाजी की गयी. सरकारी, गैर-सरकारी, गरीब, पिछड़े, दलित, आदिवासियों की जमीन लूट का कीर्तिमान स्थापित किया गया है.

सिस्टम की खामी का कुछ लोग उठा रहे फायदा : बाबूलाल मरांडी

भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी ने मुख्यमंत्री को संबोधित अपने पत्र में लिखा है कि मैं आपका ध्यान जमीन महाघोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की जा रही मनी लांडरिंग मामले की जांच में हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. सरकारी सिस्टम की खामियों का फायदा कुछ लोग उठा रहे हैं. बेईमान लोगों का एक सिंडिकेट है, जो गड़बड़ी और जालसाजी कर रहे हैं, जिससे झारखंड बदनाम हो रहा है.

हर्षद मेहता और तेलगी जैसे शातिर हैं झारखंड के भू-माफिया

बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में भू-माफियाओं को हर्षद मेहता और अब्दुल करीम तेलगी जैसा शातिर करार दिया है. कहा है कि जिस तरह हर्षद मेहता और अब्दुल करीम तेलगी ने जालसाजी करके करोड़ों रुपये कमाये, उसी तरह झारखंड में भूमि माफिया, दलाल सक्रिय हैं. ये लोग जालसाजी करते हैं. इन्होंने गुंडे पाल रखे हैं. पुलिस और प्रशासन का भी इन्हें सहयोग प्राप्त है. सत्ता में बैठे कुछ लोग भी इनकी मदद कर रहे हैं.

सिस्टम को पहले ही मैनेज कर लेते हैं भू-माफिया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखी चिट्ठी में बाबूलाल ने कहा है कि ये जमीन माफिया अपने काम में इतने माहिर हैं कि जिस जमीन को हथियाना होता है , वहां नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों के अलावा गुंडों, दलालों, बाहुबलियों से सांठगांठ करते हैं. ऐसे में कोई आम आदमी, खासकर आदिवासी अपनी जमीन बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर पाते, क्योंकि पूरा सिस्टम पहले से ही मैनेज हो चुका होता है.

झारखंड के जमीन घोटालों की जांच कर पाना ईडी के लिए संभव नहीं

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड में में ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जहां जमीन पर कब्जे का विरोध करनेवालों को ही भूमि माफियाओं ने जेल भिजवा दिया है. उन्होंने कहा कि गिरिडीह में तो जमीन माफिया ने विरोध करने वाले एक व्यक्ति को धारा 107 में जेल भिजवाकर चार महीने जेल में रखवा दिया. उन्होंने आगे लिखा है कि झारखंड में जमीन के इस महाघोटाला का पूरा पर्दाफाश करना अकेले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लिए संभव नहीं है.

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साढ़े तीन करोड़ जनता के हित में होगा सबसे बड़ा काम

बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि झारखंड गठन के बाद से अब तक जितने भी जमीन हस्तांतरण, म्यूटेशन और जमीन कब्जा करने/कराने के मामले हैं, उनकी जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दें या हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में आयोग बनाकर जांच करवायें, ताकि इसके पीछे कौन-कौन लोग लिप्त रहे हैं, उनका खुलास हो सके. अंत में लिखा है कि आपके द्वारा उठाया गया यह कदम झारखंड की साढ़े तीन करोड़ की जनता के हित में सबसे बड़ा काम होगा.

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