AI Workshop in Ranchi| गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ संतोष कुमार ने कहा है कि व्यापार को सुव्यवस्थित करने, उत्पादकता बढ़ाने और इनोवेशन को गति देने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)सहायक हो सकता है. वह बुधवार को राजधानी रांची में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित कार्यशाला में अलग-अलग सेक्टर के बिजनेसमैन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने व्यापार में एआई के उपयोग, ऑटोमेशन, कंटेंट क्रियेशन और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी. व्यापारियों, उद्यमियों और प्रोफेशनल्स को नवीनतम एआई तकनीक के बारे में भी जानकारी दी. कार्यशाला में डॉ संतोष कुमार ने व्यवसाय के संचालन को सुचारु बनाने, बिना डिजाईन कौशल के एनिमेशन बनाने, टेक्स्ट को शानदार वीडियो में बदलने, परियोजनाओं और विचारों को आसानी से मैनेज करने, व्यवसाय, कंटेंट, मार्केटिंग और ऑटोमेशन के लिए नवीनतम एआई टूल्स के बारे में जानकारी दी.
एआई के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए – पोद्दार
आईटी उप-समिति के चेयरमैन मनोज कुमार मिश्रा ने कहा कि यह आयोजन व्यापार और उद्योग जगत में एआई जागरूकता बढ़ाने और नवीनतम तकनीकों को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. कार्यशाला में पूर्व सांसद (राज्यसभा) महेश पोद्दार भी मौजूद थे. उन्होंने आईटी कमेटी के इन प्रयासों की सराहना करते हुए अधिक से अधिक संख्या में लोगों को एआई के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित किया.
एआई का व्यापार जगत में है अहम प्रभाव – परेश गट्टानी
एआई पर आयोजित कार्यशाला में बड़ी संख्या में व्यापारी और विद्यार्थी शामिल हुए. चैंबर के अध्यक्ष परेश गट्टानी, महासचिव आदित्य मल्होत्रा और कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कार्यशाला में अपना निबंधन कराया, जिससे पता चलता है कि एआई का व्यापार जगत में कितना महत्वपूर्ण प्रभाव है. चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि एआई आज हर क्षेत्र में बदलाव ला रहा है. यह प्रक्रिया की गति बढ़ाता है, इसे सटीक बनाता है. धोखाधड़ी से बचाव में भी यह मददगार साबित होता है.
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सभी प्रमंडलों में ऐसी कार्यशाला की करेंगे कोशिश – मल्होत्रा
चैंबर के महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि चिकित्सा, व्यवसाय, शिक्षा या हमारे रोजमर्रा के जीवन में एआई अभिन्न अंग बनता जा रहा है. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए चैंबर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन राज्य के सभी प्रमंडलों में कराने का प्रयास करेगा.
कोषाध्यक्ष बोले- एआई को सहयोगी मानें, संचालक नहीं
कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि एआई एक उपयोगी तकनीक जरूर है, लेकिन यह कभी भी एक्चुअल इंटेलिजेंस (एआई) की जगह नहीं ले सकता. आज के समय में हमें तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है, लेकिन यह भी ध्यान रखना है कि तकनीक को अंधाधुंध अपनाने से हम अपनी मौलिक सोच, रचनात्मकता और विवेक को खो सकते हैं. उन्होंने सभी से अपील की कि एआई को सहयोगी मानें, संचालक नहीं.
एआई पर आयोजित कार्यशाला में ये प्रमुख लोग हुए शामिल
कार्यशाला में चैंबर के अध्यक्ष परेश गट्टानी, महासचिव आदित्य मल्होत्रा, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य शैलेष अग्रवाल, पूर्व सांसद (राज्यसभा) महेश पोद्दार, आईटी उप-समिति के चेयरमैन मनोज कुमार मिश्रा, सदस्य प्रकाश हेतमसरिया निलेटसे, सचिन द्विवेदी के अलावा अमित कुमार, प्रभात कुमार, सुभम सिन्हा, स्वाती बरनवाल, सुमित कच्छप, रिया तयाल, आदर्श हेम्ब्रम, स्नेहा चक्रवर्ती, अंजली शर्मा, दीपक कुमार, प्रतीक मोदी, कनक, अभय आनंद और कई विद्यार्थी मौजूद थे.
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