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झारखंड में चार मंत्रियों ने उठायी शराबबंदी की मांग
कैबिनेट की बैठक में उठी मांग रांची : मंगलवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक के दौरान राज्य में शराबबंदी का मामला भी उठा. चार मंत्रियों ने शराबबंदी लागू करने की मांग की. बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अनौपचारिक चर्चा करते हुए कहा कि सरकार कॉरपोरेशन के माध्यम से शराब बेचना […]
कैबिनेट की बैठक में उठी मांग
रांची : मंगलवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक के दौरान राज्य में शराबबंदी का मामला भी उठा. चार मंत्रियों ने शराबबंदी लागू करने की मांग की. बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अनौपचारिक चर्चा करते हुए कहा कि सरकार कॉरपोरेशन के माध्यम से शराब बेचना चाहती है.इससे राजस्व का नुकसान कम होगा. शराब की बंदोबस्ती से राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि सरकार शराब क्यों बेचेगी. यह ठीक नहीं है. बेहतर तो होता कि राज्य में शराबबंदी लागू कर दी जाये. शराब के कारण दुर्घटनाएं होती हैं. लोग मरते हैं. उन्होंने जानना चाहा कि राज्य को शराब से कितना राजस्व मिलता है. उन्हें बताया गया कि शराब से राज्य को 1100 करोड़ का राजस्व मिलता है. इस पर सीपी सिंह का कहना था कि जब इतना ही राजस्व मिलता है, तो फिर इसे बंद ही कर देना चाहिए.
सरकार न बेचे शराब : मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी शराबबंदी का पुरजोर समर्थन किया. उन्होंने कहा : मैं तो पहले से ही कहता रहा हूं कि राज्य में शराबबंदी होनी चाहिए. चाहे यह बिहार की तर्ज पर हो या गुजरात के तर्ज पर. मंत्री सरयू राय ने भी इसका समर्थन किया. सरयू राय ने कहा कि राज्य में शराबबंदी होनी चाहिए. कम से कम सरकार शराब न बेचे. मंत्रियों को बताया गया कि कनार्टक और तमिलनाडु में सरकार काॅरपोरेशन के माध्यम से ही शराब बेचती है.
पहले से ही मांग करता रहा हूं : चंद्रप्रकाश चौधरी
मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा : मैं पहले से ही राज्य में शराबबंदी के पक्ष में रहा हूं. सार्वजनिक तौर पर भी मैंने यह मांग रखी है. शराब के कारण परिवार बरबाद होता है. इस पर रोक लगनी चाहिए. युवा वर्ग पर इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है. शराब से सरकार को बहुत राजस्व नहीं मिलता. बिहार नहीं, तो हम गुजरात का मॉडल अपना सकते है़
मुख्यमंत्री ने कहा, प्रस्ताव आने दें
बिहार में अवैध शराब बिक्री पर भी बात हुई. मंत्री सरयू राय ने कहा कि हम बिहार का मॉडल क्यों अपनायें, गुजरात की तर्ज पर शराब बंद कर सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भी शराबबंदी के पक्ष में दिखे. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग से प्रस्ताव आने दें, उसके बाद इस पर चर्चा बेहतर होगी.
अनुबंध पर नियुक्त होंगे 1082 डॉक्टर
शराब से संबंधित छोटे अपराध लोक अदालत में निबटाये जायेंगे, बड़े अपराधों के मामलों में दंड की राशि हजार रुपये से बढ़ा कर 10 लाख तक करने का फैसला किया.
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