रांची: हाइकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सूखेे से निबटने के लिए कोई प्लान नहीं बनाया गया है. लोगों के साथ-साथ पशु पक्षियों को भी पानी मिलना मुश्किल होता जा रहा है. राज्य सरकार लांग टर्म व शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान तैयार करे. अधिकारी सोये नहीं रहें, सक्रिय हो जायें. नियमित रूप से लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाये. कहीं ऐसा न हो कि आज पानी की समस्या झेल रहे हैं, बाद में बीमारी से कहीं महामारी न फैल जाये, उससे निबटना कठिन हो जायेगा. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में हुई.
खंडपीठ ने रांची नगर निगम को निर्देश दिया कि वह अोवर हेड टैंक, टैंकरों व पाइपलाइन की जांच बिना समय गंवाये आज से ही शुरू कराये. इस कार्य में मेडिकल टीम को लगाया जाये. सप्ताह में एक बार इनकी साफ-सफाई की जाये आैर दवा डालने के बाद ही पानी की आपूर्ति की जाये. शुरू में दिक्कतें आयेंगी, पर यह लाभकारी होगा. इसकी मॉनिटरिंग भी हो. नगर निगम स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सकों की भी सेवा ले. स्वच्छ पानी देना नगर निगम की ड्यूटी है. आम लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करें. खंडपीठ ने कहा कि वार्ड पार्षदों से इस आशय का शपथ पत्र लिया जाये कि उनके वार्ड में पानी की समस्या है या नहीं. सभी परिवार को पानी मिलता है या नहीं. कोई समस्या है, तो वह भी लिख कर दे सकते हैं. नगर निगम को वार्ड पार्षद से लिखवा कर अगली सुनवाई के दाैरान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया.
खंडपीठ ने यह भी कहा कि सेना से अतिरिक्त टैंकर मांगने के लिए पत्र लिखा है. नगर आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से मिल कर स्थिति की गंभीरता बतानी चाहिए. एमीकस क्यूरी के सुझाव पर कहा कि भूमिगत जल का साइंटिफिक सर्वे पर क्या कदम उठाया जायेगा, इसकी जानकारी दें. खंडपीठ ने कहा कि फोटो देखने से तो लग रहा है कि नगर आयुक्त प्रशांत कुमार वार्ड में गये हैं. नाइक का जूता पहने हुए हैं आैर लोगों को पानी बंटवा रहे हैं. लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं. अच्छा है. वार्डों में जाने काे कोर्ट ने कहा था. इसमें दिखावा नहीं हो, लोगों को नियमित पानी मिले, यह सुनिश्चित होना चाहिए.
माैखिक रूप से कहा कि अधिवक्ताअों की एक कमेटी बनायी जाये, जो पानी सप्लाई की मॉनिटरिंग करे आैर सुझाव दे. कमेटी वॉच डॉग का काम करेगी. सरकार एक लाख रुपये कमेटी को उपलब्ध करायेगी.
एमीकस क्यूरी का पक्ष
एमीकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि भूमिगत जल का साइंटिफिक सर्वे किया जाये, ताकि समस्या का पता चल सके. हटिया, गेतलसूद व कांके डैम के कैचमेंट एरिया को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाये. डैम में पानी आने के अवरोधों को हटाया जाये, ताकि उनमें पर्याप्त जल संग्रह हो सके. सरकार एक्शन प्लान तैयार कर उस पर शीघ्र काम शुरू करे.
नगर िनगम का पक्ष
रांची नगर निगम की अोर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने शपथ पत्र दायर किया. उन्होंने बताया कि जल संकट वाले इलाकों में 105 एचवाइडीटी लगाया गया है, जहां से 24 घंटे पानी दिया जा रहा है. 2,499 चापानल काम कर रहा. पांच हाइड्रेंट से पानी निकाल कर लोगों को दिया जा रहा है. 319 मोहल्लों में 42 टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है.
मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को
राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने पक्ष रखा. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि जल स्रोतों के अतिक्रमण से संबंधित प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.