नयी दिल्ली/रांची : भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूमि जिले में सात ग्रामीणों की हत्या की जांच के लिए छह सदस्यों की एक समिति बनायी, जो हत्या स्थल का दौरा करेगी और एक सप्ताह के भीतर इस वीभत्स घटना पर रिपोर्ट देगी.
समिति में इसमें पार्टी के पांच आदिवासी सांसद शामिल हैं. नड्डा ने घटना की निंदा करते हुए सात निर्दोष लोगों के अपहरण और हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया. समिति के सदस्यों में जसवंत सिंह भाभोर, समीर उरांव, भारती पवार, गोमती साईं और जॉन बारला शामिल हैं, जो अलग-अलग राज्यों के आदिवासी सांसद हैं.
इसके अलावा झारखंड के एक आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा समिति में हैं. गौरतलब है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सल प्रभावित गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों ने पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले एक पंचायत प्रतिनिधि समेत सात ग्रामीणों की लाठी, डंडों और कुल्हाड़ी से हमला कर नृशंस हत्या कर दी जबकि कम से कम दो ग्रामीण लापता बताये जा रहे हैं.
पत्थलगड़ी आंदोलन के तहत ग्रामसभा की स्वायत्तता की मांग की जा रही है. ये लोग चाहते हैं कि आदिवासी लोगों के क्षेत्र में कोई विधि-शासन व्यवस्था लागू न हो. पत्थलगड़ी आंदोलनकारियों ने जंगलों और नदियों पर सरकार के अधिकार को खारिज कर दिया है. इस आंदोलन के तहत समर्थक किसी गांव के बाहर एक पत्थर गाड़ देते हैं और उस गांव को स्वायत्त क्षेत्र घोषित कर देते हैं और इसके बाद वे वहां बाहरी लोगों की आवाजाही रोक देते हैं.
पूर्व रघुवर सरकार ने राज्य में पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ 2018 में सख्त कार्रवाई की थी और इसके नेताओं की बड़े पैमाने पर धर पकड़ कर उनके खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने और संविधान की अवहेलना करने के आरोप में देशद्रोह के भी मुकदमे दर्ज करवाये थे. राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने का फैसला किया गया था.