21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : केंद्रीय सहायता मिली, तो एपीएल की भी जांच मुफ्त

संजय रांची : स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में पैथोलॉजी जांच के लिए चयनित एजेंसियों (मेडॉल व एसआरएल) से कहा है कि वह जांच की दर कम करें. एक एजेंसी ने इसके लिए सहमति दे दी है. जांच की दर में अपेक्षित कमी पर सहमति लेकर इसे केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. विभाग ने यह […]

संजय
रांची : स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में पैथोलॉजी जांच के लिए चयनित एजेंसियों (मेडॉल व एसआरएल) से कहा है कि वह जांच की दर कम करें. एक एजेंसी ने इसके लिए सहमति दे दी है. जांच की दर में अपेक्षित कमी पर सहमति लेकर इसे केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. विभाग ने यह निर्णय लिया है कि जांच मद में केंद्र से सहायता मांगी जायेगी. नेशनल हेल्थ मिशन से अगर सहायता मिली, तो बीपीएल के साथ-साथ सभी एपीएल मरीजों के लिए भी चिकित्सीय जांच मुफ्त कर दी जायेगी.
गौरतलब है कि बीपीएल मरीजों को उक्त एजेंसियां नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराती है. इसके बदले सरकार एजेंसियों को जांच बिल मद का भुगतान करती है. यह व्यवस्था पीपीपी मोड में पैथोलॉजी जांच का काम कर रहीं मेडॉल व एसआरएल के साथ-साथ झारखंड में रेडियोलॉजी टेस्ट का काम कर रही हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक प्रा.लि एजेंसी के लिए भी लागू होगी. ज्ञात हो कि सरकार ने वर्ष 2015 में पैथोलॉजी जांच के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी के रूप में मेडॉल व एसआरएल का चयन किया था. वहीं रेडियोलॉजी टेस्ट के लिए हेल्थ मैप के साथ करार किया गया था.
स्वास्थ्य विभाग ने मेडॉल व एसआरएल से जांच दर कम करने को कहा
जांच की दर ज्यादा
मेडॉल व एसआरएल के बारे में यह आरोप है कि इनकी जांच दर अधिक है. झारखंड राज्य स्वास्थ्य समिति ने कई दूसरे राज्यों के अध्ययन में पाया है कि झारखंड में जांच की दर दूसरे राज्यों से अधिक है. ऐसे में इन एजेंसियों से कहा गया है कि वह जांच की दर कम करें.
सूत्रों के अनुसार, एक कंपनी ने जांच दर घटाने की लिखित सहमति भी दे दी है, पर यह अपेक्षा से कम है. विभाग ने एजेंसियों को जांच की दर में अपेक्षित कमी करने को कहा है. यह माना जा रहा है कि यदि एपीएल को नि:शुल्क जांच की सुविधा दी गयी, तो जांच के लिए मरीजों की संख्या बढ़ेगी तथा एजेंसियों को ज्यादा मरीज मिलने से जांच में कोई घाटा नहीं होगा.
सीजीएचएस दर पर जांच
दरअसल चिकित्सीय जांच करने वाली एजेंसियों के साथ सरकार का जो करार हुआ है, उसमें जिक्र है कि जांच की दर सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की दर से अधिक नहीं होगी.
इसी को आधार बना झारखंड में कार्यरत एजेंसियों ने सीधे सीजीएचएस दर को ही अपना लिया, जबकि इससे कम दर पर जांच की पूरी संभावना है तथा यह दर एजेंसियों के लिए लाभदायक भी है. यही वजह है कि दूसरे राज्यों में चिकित्सीय (पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी) जांच का काम कर रही एजेंसियां झारखंड में कार्यरत एजेंसियों से कम दर पर काम कर रही हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें