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रांची : 2335 ऑटो को परमिट, मिली भगत से 19 हजार चलवा रहे पुलिसवाले
मिली भगत से चल रहे हैं ऑटो, बिना परमिट वाले सीएनजी ऑटोरिक्शा पर 10 हजार रुपये का लग रहा जुर्माना रांची : राजधानी में कुछ पुलिसवालों की मदद से करीब 19 हजार अवैध ऑटो चलाये जा रहे हैं, जबकि सिर्फ 2335 ऑटो को ही परमिट जारी किया गया है.डीजल, पेट्रोल, सीएनजी व ई-रिक्शा को मिलाकर […]
मिली भगत से चल रहे हैं ऑटो, बिना परमिट वाले सीएनजी ऑटोरिक्शा पर 10 हजार रुपये का लग रहा जुर्माना
रांची : राजधानी में कुछ पुलिसवालों की मदद से करीब 19 हजार अवैध ऑटो चलाये जा रहे हैं, जबकि सिर्फ 2335 ऑटो को ही परमिट जारी किया गया है.डीजल, पेट्रोल, सीएनजी व ई-रिक्शा को मिलाकर 21 हजार से अधिक ऑटोरिक्शा चल रहे है़ इनमें 14000 डीजल ऑटो, 4000 ई-रिक्शा, 2000 सीएनजी और 1300 पेट्रोल चालित ऑटोरिक्शा शामिल हैं. 2335 ऑटोरिक्शा को वर्ष 2009 में परमिट मिला था़ 2020 में इन ऑटोरिक्शा के परमिट की अवधि समाप्त हो जायेगी. अवैध रूप से ऑटोरिक्शा के चलने का कारण है कि पुलिस वाले या तो अवैध वसूली करते हैं अथवा इस ओर ध्यान नहीं दे रहे.
इस कारण से शहर के अंदर चलने वाले इन ऑटोरिक्शा को लोग पुलिस वाला ऑटोरिक्शा का नाम दे रहे है़ं ऐसे ऑटोरिक्शा हर दिन सड़कों पर लगने वाले जाम का प्रमुख कारण हैं. लगभग 10 हजार हर दिन दस साल से अधिक पुराने है़ं ये ऑटोरिक्शा तयमात्रा से अधिक धुएं का उत्सर्जन करते हैं. अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसे ऑटोरिक्शाइन किसी भी समय दिल्ली जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकते है़ं
नगर निगम को है जुर्माना लगाने का अधिकार
हालांकि राजधानी में अवैध रूप से चलने वाले ऑटोरिक्शा पर जुर्माना लगाने का अधिकार रांची नगर निगम को और इमको जब्त करने का अधिकार ट्रैफिक पुलिस को है़ शहर की ट्रैफिक पुलिस समय-समय पर ऐसे ऑटोरिक्शा को जब्त कर थाना या पुलिस लाइन में रखती है और नगर निगम इन पर जुर्माना लगता है. वहीं जुर्माने की राशि नहीं जमा कराने पर अभियोजन के लिए कोर्ट भेज दिया जाता है़ बाद में कोर्ट जब्त ऑटोरिक्शा पर जुर्माना तय करता है, जिसे ऑटोरिक्शा मालिक को कोर्ट में जमा करना पड़ता है़
शहर के चार ट्रैफिक थाना को अवैध ढंग से चल रहे ऑटो जब्त करने का दिया गया है अधिकार
राजधानी में चार ट्रैफिक थाना जगन्नाथपुर, कोतवाली (चुटिया), लालपुर व गोंदा थाना है़ं चारों थाना पूरी राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था पर नजर रखते है़ं उन्हें ही अवैध ऑटोरिक्शा पर कार्रवाई का अधिकार दिया गया है. लेकिन चारों ट्रैफिक थाना में से कोई भी इन ऑटोरिक्शा पर ध्यान नहीं देते हैं. इस कारण राजधानी की सड़कों पर अवैध ऑटोरिक्शा छाये हुए है़ं.
सबको मिलता है अवैध वसूली का हिस्सा : महासंघ
प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ के संस्थापक दिनेश सोनी ने कहा कि रांची नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, आरटीए व डीटीओ को 19000 अवैध ऑटोरिक्शा से होने वाली अवैध वसूली का हिस्सा मिलता है़ श्री सोनी ने कहा कि इतना ही नहीं अवैध वसूली का एक हिस्सा ऊपर तक पहुंचता है़
श्री सोनी ने बताया कि अभी रांची में सीएनजी वाले लगभग 2000 ऑटोरिक्शा चल रहे है़ं रांची में सीएनजी ऑटोरिक्शा तो चलना आरंभ हो गया लेकिन उन्हें परमिट नहीं दिया गया है़ बिना परमिट वाले सीएनजी ऑटोरिक्शा को पकड़ने के बाद ट्रैफिक पुलिस 10000 रुपये जुर्माना वसूलती है, जबकि उन्हें जुर्माना वसूलने का अधिकार ही नहीं है़
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