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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : पांच चरण, 37 दिग्गज
झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बिगुल फूंका जा चुका है. चुनाव आयोग ने इस बार पांच चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया है. अलग-अलग चरणों में होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास, स्पीकर दिनेश उरांव, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो समेत राज्य के 37 […]
झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बिगुल फूंका जा चुका है. चुनाव आयोग ने इस बार पांच चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया है. अलग-अलग चरणों में होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास, स्पीकर दिनेश उरांव, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो समेत राज्य के 37 दिग्गज नेताओं पर नजर रहेगी. इनके अलावा वर्तमान मंत्री, विधायक, पार्टी अध्यक्ष, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद समेत आइपीएस अधिकारी चुनाव लड़ने को तैयार हैं. िरपोर्ट सतीश कुमार और सुनील चौधरी की.
रघुवर, हेमंत, बाबूलाल, सुदेश पर रहेगी नजर
पहला चरण : 03 दिग्गज
रामचंद्र चंद्रवंशी : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी विश्रामपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछली बार वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर विधायक बने थे.
रामेश्वर उरांव : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के गुमला से चुनाव लड़ने की चर्चा है. अगर इस सीट से वे चुनाव लड़ते हैं, तो इन पर भी नजर रहेगी.
सुखदेव भगत : कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एक बार फिर से लोहरदगा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले उप चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीता था. इस बार भाजपा में शामिल हो गये हैं.
दूसरा चरण : 10 दिग्गज
रघुवर दास : मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ते आये हैं. इस बार भी वे यहां से उम्मीदवार होंगे. मुख्यमंत्री बड़े अंतर से चुनाव जीतते रहे हैं.
सरयू राय : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय जमशेदपुर पश्चिमी से उम्मीदवार होंगे. यह भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट है. श्री राय इस सीट से 2005 व 2014 में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
दिनेश उरांव : स्पीकर दिनेश उरांव भाजपा की टिकट पर सिसई सीट से चुनाव जीते थे. उन्होंने झामुमो प्रत्याशी को हराया था. इस बार भी वे उम्मीदवार बन सकते हैं.
गीताश्री उरांव : गीता श्री उरांव ने 2009 में चुनाव जीता था. पूर्व शिक्षा मंत्री रह चुकी हैं. पिछला चुनाव वह शिवशंकर उरांव से हार गयी थीं. इस बार कांग्रेस से प्रमुख दावेदार हैं.
कुणाल षाड़ंगी : कुणाल षाड़ंगी बहरागोड़ा से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते थे. इस बार चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है. ऐसे में इस सीट पर नजर रहेगी.
प्रदीप बलमुचू : कांग्रेस के दिग्गज नेता घाटशिला विधानसभा सीट पर दावेदार हो सकते हैं. श्री बलमुचू प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.
रामचंद्र सहिस : जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस इस बार भी जुगसलाई विधानसभा सीट से आजसू पार्टी के उम्मीदवार होंगे. ये आजसू कोटे से सरकार में मंत्री हैं.
विकास मुंडा : विकास मुंडा ने आजसू छोड़ कर झामुमो की सदस्यता ग्रहण कर ली है. वे तमाड़ सीट से झामुमो की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं.
नीलकंठ सिंह मुंडा : नीलकंठ सिंह मुंडा फिलहाल सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं. खूंटी सीट से इनकी प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी.
बंधु तिर्की : पूर्व मंत्री बंधु तिर्की इस बार झाविमो की टिकट पर फिर से मांडर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले चुनाव में वे भाजपा की गंगोत्री कुजूर से पराजित हो गये थे.
तीसरा चरण : 10 दिग्गज
बाबूलाल मरांडी : झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी एक बार फिर से धनवार सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले विधानसभा में भी वे इस सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं पाये थे.
नीरा यादव : वर्तमान शिक्षा मंत्री नीरा यादव एक बार फिर से कोडरमा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. इन्होंने पिछले चुनाव में राजद की अन्नपूर्णा देवी को हरा कर चुनाव जीता था. टिकट मिला, तो फिर प्रतिष्ठा दांव पर होगी.
मनोज यादव : बरही के वर्तमान विधायक मनोज यादव की प्रतिष्ठा फिर से दांव पर है. इन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस की टिकट पर जीता था. इस बार भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है.
जेपी पटेल : मांडू विधायक जय प्रकाश भाई पटेल पर इस बार नजर रहेगी. पिछले चुनाव में ये झामुमो के टिकट से चुनाव लड़ कर जीते थे. इस बार भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है.
सुदेश महतो : आजसू सुप्रीमो सिल्ली विधानसभा सीट से फिर चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले चुनाव में ये झामुमो के अमित महतो से चुनाव हार गये थे. उप चुनाव में भी ये अमित महतो की पत्नी से चुनाव हारे थे.
सीपी सिंह : नगर विकास मंत्री रांची विधानसभा सीट से 1996 से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. इस बार भी वे भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं.
चौथा चरण : 08 दिग्गज
राज पलिवार : मधुपुर से भाजपा विधायक हैं और राज्य में श्रम मंत्री हैं. पूर्व में यह सीट झामुमो के पास भी रह चुकी है. ऐसे में इस सीट पर सबकी नजर रहेगी कि राज पलिवार दोबारा चुन कर आते हैं या नहीं.
हाजी हुसैन अंसारी : मधुपुर सीट से 2014 के पूर्व विधायक रह चुके हैं. राज्य में मंत्री पद पर भी रह चुके हैं. झामुमो के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं. उन पर भी इस बार नजर रहेगी.
विनोद सिंह: भाकपा माले की यह पारंपरिक सीट मानी जाती है. 2014 से पूर्व विनोद सिंह यहां के विधायक हुअा करते थे. उनसे पहले उनके पिता स्व महेंद्र सिंह विधायक थे. पिछली बार भाजपा ने यह सीट विनोद सिंह से झटक ली. इस बार फिर विनोद सिंह पर नजर रहेगी.
विरंची नारायण : बोकारो सीट से भाजपा के विधायक हैं. अपने पहले चुनाव में ही रिकाॅर्ड मतों से जीत दर्ज की थी. भाजपा के युवा चेहरा में से एक हैं. इन पर भी सबकी नजर रहेगी.
अमर बाउरी : वर्तमान सरकार में मंत्री हैं. चंदनकियारी सुरक्षित सीट से इन्होंने झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता था. बाद में भाजपा में शामिल हो गये और मंत्री बने. यह सीट गठबंधन में आजसू की थी. इसबार आजसू और भाजपा में सीट को लेकर जिच कायम है.
अरूप चटर्जी : मार्क्सवादी समन्वय समिति के एक मात्र विधायक निरसा से अरूप चटर्जी हैं. निरसा पारंपरिक रूप से मासस की सीट मानी जाती है. इसके चलते इस सीट पर भी नजर रहेगी.
राजकिशोर महतो : टुंडी से आजसू के विधायक राजकिशोर महतो हैं. स्व विनोद बिहारी महतो के पुत्र हैं. इसके चलते श्री महतो भी दिग्गज माने जाते हैं.
ढुल्लू महतो : धनबाद जिला के बाघमारा सीट से भाजपा के विधायक हैं ढुल्लू महतो. किसी न किसी कारणों से वे हमेशा चर्चा में रहते हैं. अक्सर वह विवादों में घिरे रहते हैं. अपनी सीट के वह भी दिग्गज माने जाते हैं.
पांचवां चरण : 10 दिग्गज
हेमंत सोरेन : बरहेट सीट से झामुमो के विधायक हैं और नेता प्रतिपक्ष और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. पिछली बार इन्होंने दुमका और बरहेट सीट से चुनाव लड़ा था. पर दुमका सीट से हार गये थे और बरहेट से जीते थे.
लुईस मरांडी : दुमका सीट से झामुमो के दिग्गज नेता हेमंत सोरेन को हराकर चर्चा में आयी थीं. भाजपा सरकार में कल्याण मंत्री हैं. हेमंत को हराते ही वह संतालपरगना के दिग्गज नेताओं में शामिल हो गयी.
साइमन मरांडी : लिट्टीपाड़ा सीट से झामुमो के विधायक हैं. पार्टी के पुराने और दिग्गज नेता माने जाते हैं. राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं. जिसके कारण उनकी सीट पर नजर रहेगी.
आलमगीर आलम : पाकुड़ सीट से कांग्रेस के विधायक हैं और पार्टी के विधायक दल के नेता भी. पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं.
स्टीफन मरांडी : झामुमो के पुराने व कद्दावर नेता स्टीफन मरांडी महेशपुर सीट से विधायक हैं. वह सांसद भी रह चुके हैं. यह भी दिग्गजों की सीट मानी जाती है.
नलिन सोरेन : पूर्व मंत्री व झामुमो के वरिष्ठ नेता नलिन सोरेन ने 2014 में शिकारीपाड़ा सीट से चुनाव जीता था. उनकी इस बार भी इस सीट पर भी नजर रहेगी.
सालखन मुर्मू : इस बार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू शिकारीपाड़ा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. जिसके कारण उन पर भी नजर रहेगी.
सीता सोरेन : झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन की पुत्रवधू सीता सोरेन इस सीट से विधायक हैं. शिबू सोरेन की बहु होने की वजह से इस सीट पर भी नजर रहेगी.
रणधीर कुमार सिंह : सारठ से झाविमो पार्टी से विधायक बने रणधीर कुमार सिंह पाला बदलकर भाजपा में आ गये. कृषि मंत्री बनाये गये. अक्सर वह विभिन्न कारणों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. इन पर भी नजर रहेगी.
प्रदीप यादव : झाविमो विधायक प्रदीप यादव पोड़ैयाहाट के विधायक हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में ये झाविमो के टिकट पर गोड्डा लोकसभा से चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं पाये.
मतदान का चरणबद्ध कार्यक्रम
पहला चरण
चतरा, गुमला, बिशुनपुर, लोहरदगा, मनिका, लातेहार, पांकी, डालटेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर.
नामांकन शुरू छह नवंबर
नामांकन का अंतिम दिन 13 नवंबर
स्क्रूटनी 14 नवंबर
नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 नवंबर
मतदान 30 नवंबर
मतगणना 23 दिसंबर
चुनाव समाप्त करने की तिथि 29 दिसंबर
दूसरा चरण
बहरागोड़ा, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पश्चिमी, जमशेदपुर पूर्वी, सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, मांडर, सिसई, सिमडेगा व कोलेबिरा.
नामांकन शुरू 11 नवंबर
नामांकन का अंतिम दिन 18 नवंबर
स्क्रूटनी 19 नवंबर
नाम वापसी की अंतिम तिथि 21 नवंबर
मतदान 07 दिसंबर
मतगणना 23 दिसंबर
चुनाव समाप्त करने की तिथि 29 दिसंबर
तीसरा चरण
कोडरमा, बरकट्टा, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, धनवार, गोमिया, बेरमो, ईचागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया व कांके.
नामांकन शुरू 16 नवंबर
नामांकन का अंतिम दिन 25 नवंबर
स्क्रूटनी 26 नवंबर
नाम वापसी 28 नवंबर
मतदान 12 दिसंबर
मतगणना 23 दिसंबर
चुनाव समाप्त करने की तिथि 29 दिसंबर
चौथा चरण
मधुपुर, देवघर, बगोदर, जमुआ, गांडेय, गिरिडीह,
डुमरी, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा,
धनबाद, झरिया, टुंडी व बाघमारा.
नामांकन शुरू 22 नवंबर
नामांकन का अंतिम दिन 29 नवंबर
स्क्रूटनी 30 नवंबर
नाम वापसी की अंतिम तिथि दो दिसंबर
मतदान 16 दिसंबर
मतगणना 23 दिसंबर
चुनाव समाप्त करने की तिथि 29 दिसंबर
पांचवां चरण
राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़,
महशेदपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, सारठ, पोड़ैयाहाट, गोड्डा व महागामा.
नामांकन शुरू 26 नवंबर
नामांकन का अंतिम दिन 03 दिसंबर
स्क्रूटनी 04 दिसंबर
नाम वापसी की अंतिम तिथि 06 दिसंबर
मतदान 20 दिसंबर
मतगणना 23 दिसंबर
चुनाव समाप्त करने की तिथि 29 दिसंबर
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