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विधानसभा चुनाव 2019 : 44 वर्षों में भी किशुनपुर नहीं बन सका प्रखंड, जानिए क्या कहते हैं विधायक
पाटन : पलामू जिले के किशुनपुर को अब तक प्रखंड का दर्जा नहीं मिल सका है. एकीकृत बिहार के जमाने से किशुनपुर को प्रखंड का दर्जा देने की मांग उठती रही है. इसके लिए 1975 से संघर्ष चल रहा है. लेकिन 44 वर्षों के बाद भी किशुनपुर प्रखंड नहीं बन पाया है. इस दौरान जितने […]
पाटन : पलामू जिले के किशुनपुर को अब तक प्रखंड का दर्जा नहीं मिल सका है. एकीकृत बिहार के जमाने से किशुनपुर को प्रखंड का दर्जा देने की मांग उठती रही है. इसके लिए 1975 से संघर्ष चल रहा है. लेकिन 44 वर्षों के बाद भी किशुनपुर प्रखंड नहीं बन पाया है. इस दौरान जितने भी चुनाव हुए, उनमें किशुनपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने की बात की गयी.
बात वर्तमान विधायक राधाकृष्ण किशोर की हो या पूर्व में इस क्षेत्र से विधायक रहे मनोज भुइयां या फिर सुधा चौधरी की. सबने चुनाव से पहले तथा बाद में अपने कार्यकाल के दौरान किशुनपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने का भरोसा दिलाया. पर सच्चाई यह है कि यह सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है. जबकि इस बीच कई दूसरे नये प्रखंड बने. जैसे पड़वा, नावाबाजार या फिर पांडू, लेकिन किशुनपुर के लोगों की मांग आज भी अधूरी है.
क्या कहते हैं विधायक
किशुनपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने के प्रति मैं गंभीर हूं. नये प्रखंड की प्रक्रिया जब भी शुरू होगी, तो किशुनपुर को प्राथमिकता मिलेगी. इस इलाके को प्रखंड का दर्जा दिलाना मेरे राजनीतिक जीवन का लक्ष्य है.
राधाकृष्ण किशोर, विधायक छतरपुर
किशुनपुर को प्रखंड का दर्जा मिलना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य है कि इसे सिर्फ चुनावी जुमला बन गया है.
कुंज बिहारी प्रसाद
चुनाव के समय वादा तो सब करते है. लेकिन बाद में भूल जाते हैं. किशुनपुर का मामला इसलिए लटका हुआ है.
गुप्तेश्वर साहू
किशुनपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने की बात प्राथमिकता में नहीं है. इसलिए इस पर अपेक्षित काम नहीं हो रहा है.
बलदेव साहू
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