जनजातीय समाज के सैकड़ों लोगों ने राजभवन तक मार्च किया, मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा
रांची : मूल जनजातीय रीति-रिवाज, पूजा पद्धति व परंपराओं को माननेवालों को ही एसटी सर्टिफिकेट देने और धर्मांतरित जनजातीय व्यक्तियों को अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने मोरहाबादी मैदान से राजभवन तक मार्च किया और वहां सभा की. एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिल कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा. मंच के प्रांत संयोजक संदीप उरांव ने कहा कि मूल जनजातियों तक नौकरियों में आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा है. इसका अधिकतर लाभ धर्मांतरित उठा रहे हैं. इसलिए मूल जनजातियों की स्थिति आज भी बदहाल है़
पेसा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हो रहा उल्लंघन : ज्ञापन में कहा गया है कि पेसा कानून के तहत ग्राम प्रधान, मुखिया और प्रखंड प्रमुख से लेकर जिला परिषद के अध्यक्ष तक के एकल पद मूल जनजातीय धर्म, आस्था, रीति-रिवाज, रूढ़िवादी परंपराओं को मानने वालों के लिए आरक्षित है, पर झारखंड में इसकी अवहेलना कर धर्मांतरित अल्पसंख्यकों को इन पदों पर चुना जा रहा है़ इसकी जांच कर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. यदि माता-पिता व संतान जनजाति धार्मिक आस्था व रूढ़िवादी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं, तभी संतान को एसटी सर्टिफिकेट मिले. धर्मांतरित जनजाति को एसटी आरक्षण से वंचित किया जाना चाहिए़
राज्य में जल्द हो जनजाति आयोग का गठन : कहा गया है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर ईसाई मिशनरियों द्वारा चर्च, स्कूल, अस्पताल व अनाथालय बनवाये गये हैं. अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा भी हजारों एकड़ जमीन लेकर एक्ट का उल्लंघन किया गया है. इसकी उच्च स्तरीय जांच करा कर रैयतों को मालिकाना हक दिलाया जाये. कार्यक्रम में संदीप उरांव, मेघा उरांव, सोमा उरांव, डॉ राजकिशोर हंसदा, जगलाल पाहन, अर्जुन राम, बीना मुंडा, टिकली बिरहोर, मोती लाल मुर्मू व डॉ सुखी, फुदो भगत, सुरेश लोहरा, सुनील फकीरा कच्छप, जयंती मुंडा, महेश उरांव, दुलार मुंडा, बूटन महली, कैलाश सहित अन्य मौजूद थे़
सीएम से मिला प्रतिनिधिमंडल : जनजाति सुरक्षा मंच का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से उनके आवास में मिला और मंच की मांगों से उन्हें अवगत कराया.