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रांची में जीरो कट नहीं, अधिकारियों को लगायी फटकार
ऊर्जा संचरण और बिजली वितरण की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने जतायी नाराजगी रांची : राजधानी रांची में जीरो कट में हो रहे विलंब पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नाराजगी जतायी. उन्होंने झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सोच समझ कर एक टाइम लाइन देनी चाहिए थी. गौरतलब […]
ऊर्जा संचरण और बिजली वितरण की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने जतायी नाराजगी
रांची : राजधानी रांची में जीरो कट में हो रहे विलंब पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नाराजगी जतायी. उन्होंने झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सोच समझ कर एक टाइम लाइन देनी चाहिए थी.
गौरतलब है कि पूर्व में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों बात करके 31 जुलाई से रांची में जीरो कट पावर की बात कही थी. पर रांची में बिजली का कटना लगातार जारी रहा. प्रोजेक्ट भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एक सिरे से अधिकारियों को फटकार लगायी. स्पष्ट कह दिया है कि काम में कोताही करनेवाले को बख्शा नहीं जायेगा. डेडलाइन में यदि काम संभव नहीं है, तो स्पष्ट बतायें. बहानेबाजी न करें. जो भी डेडलाइन दिया जाता है, उसमें काम पूरा करें.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद झारखंड के गांव आज बिजली से रोशन हैं. बस, अब थोड़ा सा काम रह गया है. अब गुणवत्ता के साथ जीरो कट की ओर बढ़ना है. बैठक में कहा गया कि कई जगह ट्रांसमिशन लाइन का काम चल रहा है, जिसके कारण बिजली वितरण में समस्या आ रही है.
सीएम ने कहा कि 31 अक्तूबर तक झारखंड में बिजली के सुदृढ़ीकरण ट्रांसमिशन समेत के कार्य पूरा कर लें. ट्रांसमिशन लाइन का काम पूरा होने से जहां दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली की गुणवत्ता बढ़ेगी, वहीं शहरी क्षेत्रों में बिजली की स्थिति अच्छी होगी.
बैठक में ये लोग थे मौजूद : बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार बर्णवाल, ऊर्जा विभाग की सचिव वंदना डाडेल, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एमडी राहुल पुरवार, वन विभाग के पीसीसीएफ शशि नंदकुलियार, संचरण लिमिटेड के निरंजन कुमार समेत विभाग के वरीय अधिकारी और संवेदक उपस्थित थे.
संवेदकों को समस्या हो, तो अधिकारियों से संपर्क करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर संचरण लाइन का काम अंतिम चरण में है. संवेदकों को कोई समस्या हो, तो विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें.
विभाग के अधिकारी हर 15 दिन में संवेदकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का निराकरण करें. किसी भी हालत में डेड लाइन नहीं बढ़ेगी. जिन संवेदकों ने जो समय सीमा दी है, उस तिथि तक काम पूरा हो जाना चाहिए, अन्यथा उनकी राशि काटी जायेगी.
सीएम ने संचरण लाइन में फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामले को भी जल्द निष्पादन का निर्देश वन विभाग को दिया. करीब 30 संचरण लाइन फॉरेस्ट क्लीयरेंस के कारण लंबित है.
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