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रांची : रिम्स में बुजुर्गों के लिए अगले महीने से शुरू हो जायेगा जिरियाट्रिक वार्ड

वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे पर बुजुर्गों के काम की तीन खबरें रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में जिरियाट्रिक वार्ड अगले माह से शुरू हो जायेगा. इस वार्ड को केवल बुजुर्ग मरीजों के इलाज लिए तैयार किया जा रहा है. मेडिसिन फ्लोर के कैज्युअल्टी विंग में बन रहा जिरियाट्रिक वार्ड करीब 80 फीसदी […]

वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे पर बुजुर्गों के काम की तीन खबरें
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में जिरियाट्रिक वार्ड अगले माह से शुरू हो जायेगा. इस वार्ड को केवल बुजुर्ग मरीजों के इलाज लिए तैयार किया जा रहा है.
मेडिसिन फ्लोर के कैज्युअल्टी विंग में बन रहा जिरियाट्रिक वार्ड करीब 80 फीसदी तक तैयार हो चुका है. आंतरिक आधारभूत संरचना लगभग तैयार हो चुकी है. अत्याधुनिक बेड भी लगा दिये गये हैं. आंतरिक साज-सज्जा का कुछ काम बाकी है, जो 15 दिन में पूरा हो जायेगा.
जानकारी के अनुसार यह विंग 30 बेड का है, जिसमें 15 महिला और 15 पुरुष बुजुर्गों को भर्ती कर इलाज करने की सुविधा है. यह विंग रिम्स के प्राथमिकता में है, जिसका संचालन मेडिसिन विभाग की देखरेख में होगा. जिरियाट्रिक विंग की आंतरिक संरचना के अलावा मैनपावर की जरूरत है, जिसका प्रस्ताव रिम्स प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया है.
प्रारंभिक अवस्था में इस विंग को शुरू करने के लिए एक प्रोफेसर, एक मेडिकल ऑफिसर, नर्स व पारा मेडिकल स्टॉफ की जरूरत है. इस मैनपावर के मिलने के बाद विंग को व्यवस्थित करने के लिए एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर की जरूरत होगी, जिसका प्रस्ताव भी रिम्स स्वास्थ्य विभाग को भेजेगा.
2016 में चिरौंदी में हुआ था मॉडल अोल्ड एज होम का शिलान्यास, सपना अधूरा है
रांची : कांके के चिरौंदी माैजा में 15 अगस्त 2016 को मॉडल सीनियर सिटीजन होम का शिलान्यास किया गया था. जिला प्रशासन ने हरिहर सिंह रोड निवासी 102 वर्ष के वेदनारायण गौड़ के हाथों शिलान्यास कराया था, लेकिन अब तक अोल्ड एज होम का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. बुजुर्गों के लिए अत्याधुनिक सुविधाअों से युक्त राज्य का पहला प्रस्तावित मॉडल वृद्धाश्रम है.
प्रथम चरण में 50 बेड वाले इस अोल्ड एज होम को लगभग 3.82 करोड़ की लागत से 13 माह में बनाने की बात कही गयी थी. अगले चरण में बाद में यहां 50 और बेड बढ़ाये जायेंगे. यह राज्य का मॉडल ओल्ड एज होम होगा, लेकिन बुजुर्गों का सपना अब तक साकार होता प्रतीत नहीं हो रहा है.
तीन साल बीत गये, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. उल्लेखनीय है कि झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद मॉडल अोल्ड एज होम बनाने की आधारशिला चिराैंदी में रखी गयी थी. सरकार रांची में कांके के अलावा सिमडेगा, लोहरदगा, गढ़वा, बोकारो में भी अोल्ड एज होम का निर्माण करायेगी.
इस बात की जानकारी पूर्व में जनहित याचिका की सुनवाई के दाैरान दी गयी थी. झारखंड सीनियर सिटीजन एडवोकेट्स सर्विस संस्थान की ओर से हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी मेंटेनेंस एंड वेलफेयर अॉफ पैरेंटस एंड सीनियर सिटीजन एक्ट-2007 (माता-पिता और वरष्ठि नागरिक रख रखाव, कल्याण अधिनियम) को लागू कराने की मांग की थी.
सुनवाई के दाैरान मामला प्रकाश में आया कि कानून में अोल्ड एज होम का निर्माण करने का प्रावधान है. साथ ही 16 तरह की योजनाएं बुजुर्गों के लिए चलाया जाना है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने बुजुर्गों के लिए नियमावली लागू की आैर प्रत्येक जिले में चरणबद्ध तरीके से अोल्ड एज होम का निर्माण करने की जानकारी दी गयी.
बुजुर्गों की देखभाल नहीं करने पर आर्थिक दंड और जेल का है प्रावधान
रांची : केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों (बुजुर्गों) की देखभाल के लिए सीनियर सिटीजन मेंटेनेंस एंड वेलफेयर एक्ट-2007 बनाया था. यह कानून पूरे देश में लागू है.
कानून के तहत सभी राज्यों में बुजुर्गों की देखभाल के लिए नियमावली बनायी गयी है. झारखंड सीनियर सिटीजन एडवोकेट सर्विस संस्थान के सीडी सिंह ने बताया कि बुजुर्गों की देखभाल नहीं करने पर कानून में आर्थिक दंड व जेल का भी प्रावधान किया गया है.
– प्रत्येक सरकारी/गैर सरकारी अस्पताल, जिन्हें सरकार से सहायता मिलती है, वैसे अस्पतालों में बुजुर्गों की देखभाल के लिए अलग से व्यवस्था की जायेगी – बुजुर्गों के लिए अलग से काउंटर बनेगा. यदि भीड़ अधिक है, तो क्यू बनाया जायेगा. उसमें भी बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था रहेगी. बुजुर्गों के बैठने की भी व्यवस्था की जायेगी – प्रत्येक जिले में कम से कम एक अोल्ड एज होम का संचालन सरकार करेगी.
इसमें 150 बुजुर्गों के रहने की व्यवस्था रहेगी. इसके संचालन के लिए सरकार नौ लाख रुपये सालाना सहायता राशि देगी – प्रत्येक जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति बनेगी, जो बुजुर्गों के मामलों को देखेगी और निर्णय लेगी.
– कानून में बुजुर्गों के लिए 16 तरह के इंटीग्रेटेड प्रोग्राम चलाने का प्रावधान है, जिसमें से अोल्ड एज होम स्कीम एक है – माता या पिता की देखभाल नहीं होने पर शिकायत मिलने पर कार्रवाई का अधिकार उपायुक्त को दिया गया है – यदि कोई प्रलोभन देकर बुजुर्ग की जमीन की रजिस्ट्री करा लेता है और उसकी शिकायत की जाती है, तो उपायुक्त के स्तर से कार्रवाई की जायेगी – माता-पिता (बुजुर्ग) की देखभाल नहीं करने पर आर्थिक दंड व जेल का प्रावधान है.

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