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रांची : तारा शाहदेव कांड में फंसे गढ़वा के जज ने की थी गलत नियुक्ति

रांची : चर्चित तारा शाहदेव कांड में आरोपी गढ़वा के तत्कालीन जिला जज पंकज श्रीवास्तव ने अपने कार्यकाल के दौरान गलत नियुक्ति भी की थी. जज ने कई मामलों में फंसी चंदा देवी नामक महिला को पारा लीगल वॉलेंटियर (पीएलवी) के पद पर नियुक्त किया था. नियुक्ति के समय यह महिला कई मामलों में अभियुक्त […]

रांची : चर्चित तारा शाहदेव कांड में आरोपी गढ़वा के तत्कालीन जिला जज पंकज श्रीवास्तव ने अपने कार्यकाल के दौरान गलत नियुक्ति भी की थी. जज ने कई मामलों में फंसी चंदा देवी नामक महिला को पारा लीगल वॉलेंटियर (पीएलवी) के पद पर नियुक्त किया था.
नियुक्ति के समय यह महिला कई मामलों में अभियुक्त थी. दूसरी तरफ इस महिला ने भी विभिन्न लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा रखी थी. इसमें हरिजन आदिवासी अत्याचार निवारण अधिनियम के अलावा छेड़छाड़ के आरोप लगाये गये थे.
पंकज श्रीवास्तव तारा शाहदेव कांड के अभियुक्त हैं. इसमें उन पर रंजीत कोहली को भागने में मदद करने और अपना बॉडीगार्ड उसे देने का आरोप है. सीबीआइ दिल्ली द्वारा तारा शाहदेव मामले में आरोप पत्र दायर किये जाने के बाद इस पूर्व जिला जज के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया जा चुका है.
ऐसे हुई थी नियुक्ति
2012 में पीएलवी की नियुक्ति के लिए निकले विज्ञापन के आलोक में 107 लोगों ने आवेदन दिया था. आवेदनों की जांच पड़ताल के बाद 2013 में रिजल्ट प्रकाशित हुआ. तत्कालीन जिला जज शिव नारायण सिंह की अध्यक्षता में बनी समिति ने 50 का चयन किया. जबकि चंदा देवी सहित 57 आवेदकों को अयोग्य घोषित किया गया. योग्य घोषित किये गये 50 में से 33 को काम दिया गया. 17 चयनित पीएलवी को प्रतीक्षा सूची में रखा गया.
हालांकि, 2017 में पंकज श्रीवास्तव ने अयोग्य घोषित चंदा देवी को बाल कल्याण समिति में पीएलवी के रूप में नियुक्त कर लिया. इसके बाद 2018 में गलत नियुक्ति का मामला पकड़ में आने के बाद उसे हटा दिया गया. पीएलवी को एक दिन के काम के लिए सरकार की ओर से एक हजार रुपये का भुगतान किया जाता है.

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