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शहादत दिवस पर धरती आबा को राज्यपाल और सीएम ने दी श्रद्धांजलि, बोले रघुवर, बिरसा जयंती पर संग्रहालय का होगा लोकार्पण

बिरसा चौक के अलावा कोकर स्थित बिरसा मुंडा के समाधि स्थल पर हुआ पूजा-पाठ विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने धरती आबा को अर्पित की श्रद्धांजलि रांची : धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन 15 नवंबर को बिरसा मुंडा संग्रहालय राज्य के लोगों को समर्पित कर दिया जायेगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री […]

बिरसा चौक के अलावा कोकर स्थित बिरसा मुंडा के समाधि स्थल पर हुआ पूजा-पाठ
विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने धरती आबा को अर्पित की श्रद्धांजलि
रांची : धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन 15 नवंबर को बिरसा मुंडा संग्रहालय राज्य के लोगों को समर्पित कर दिया जायेगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को की है. श्री दास भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर बिरसा चौक स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
रघुवर दास ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार धरती आबा के सपने को साकार करने में लगी हुई है. हम यहां के गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि खूंटी के डोंबारी गुरु जंगल में अंग्रेजों ने 300 जवानों को शहीद कर दिया था.
उनकी याद में वहां शहीद स्मृति पार्क का निर्माण किया जा रहा है अौर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसका भी उद्घाटन किया जायेगा. इससे पहले सुबह 9.13 बजे मुख्यमंत्री और राज्यपाल डॉ द्रौपदी मुर्मू बिरसा चौक पहुंचे. मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल ने भी भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों की अोर से भी धरती आबा को पुष्पांजलि अर्पित की गयी. मौके पर पाहनों की अोर से पूजा-अर्चना कर माल्यार्पण किया गया अौर श्रद्धांजलि दी गयी.
कोकर स्थित समाधि स्थल पर भी आयोजित हुआ श्रद्धांजलि समारोह : इधर, भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, शिबू सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक राम चंद्र पाहन, मेयर आशा लकड़ा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने कोकर स्थित समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया.
इससे पूर्व भारत मुंडा समाज की रूपलक्ष्मी मुंडा, नूतन पाहन और बिलासी पाहन ने हड़गड़ी स्थल पर विधिवत पूजा-अर्चना की. जय आदिवासी केंद्रीय परिषद, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद, आदिवासी गोंडवाना महासभा व सरना प्रार्थना सभा कोकर मौजा के पाहन-पुजारों द्वारा भी विधिवत पूजा-अर्चना की गयी. श्रद्धासुमन अर्पित करनेवालों में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, कांग्रेस के आदित्य विक्रम जायसवाल, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा व अन्य शामिल थे़
भ्रष्टाचार खत्म हो, दूर हो बेरोजगारी : रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जो हिम्मत दिखायी, जो राह दिखायी, उसे याद कर झारखंड अलग प्रांत बना. भगवान बिरसा इस झारखंड को और शक्ति दें, ताकि यहां से भ्रष्टाचार खत्म हो, बेरोजगारी दूर हो. आदिवासी भाई-बहनों में स्वरोजगार हो. वहीं, मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा इस देश के अगुवा हैं.
उन्हें याद करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार बाजपेयी ने 1999 में जनजातीय मंत्रालय का गठन कराया. इसके बाद सतत प्रयास से एक और इतिहास बना, जब अर्जुन मुंडा को जनजातीय मंत्रालय का मंत्री बनाया गया. हमें लगता है कि जनजातियों के विकास के लिए जनजातीय आयोग का गठन भी होगा़
आदिवासियों की धर्म-संस्कृति बचाने में बड़ा योगदान : विधायक राम कुमार पाहन ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने देश की आजादी के अपनी कुर्बानी दी.
इसके साथ ही आदिवासी समाज की धर्म-संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं को संरक्षित करने में भी उनका बड़ा योगदान रहा है. उनके दिखाये मार्ग पर चल कर ही हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं. बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि बिरसा मुंडा के वंशजों के लिए, किसान, गांव और जंगलों में रहने वालों के लिए आज भी काम करने की जरूरत है.
शहीद बिरसा मुंडा को लाल सलाम : शहीद बिरसा मुंडा को सीपीआइ (एम) की ओर से ‘लाल सलाम’ और ‘बिरसा मुंडा के सपनों को पूरा करने की लड़ाई तेज करो’ का नारा बुलंद किया गया. महासचिव सुभाष मुंडा ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि झारखंड के जिस सपूत ने अंगरेजों के दमन व शोषण से लड़ते हुए सीएनटी एक्ट जैसा कानून लागू कराया, वहां की सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट को बदलना चाहती है. सरकार से मांग है कि वह झारखंड की पहचान, सीएनटी-एसपीटी कानून की रक्षा करे.
बिरसा के उलगुलान की जरूरत : भाकपा राज्य कार्यालय में बिरसा मुंडा को उनके 119 वें शहादत दिवस पर याद किया गया. भाकपा के जिला सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में बढ़ रही जल, जमीन और जंगल की लूट को देखते हुए आज फिर से बिरसा के उलगुलान की जरूरत है.
वर्तमान सरकार में बिरसा के संघर्ष से निकले सीएनटी एक्ट पर बार-बार प्रश्नचिह्न लगता रहा है. अब समय है कि हम मजबूती के साथ इस तरह के कानून को बचाने के लिए आगे बढ़ें. शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए भाकपा कार्यकर्ताओं ने नौ जून को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की.
राष्ट्रीय अवकाश घोषित हो नौ जून : झारखंड माइंस एरिया को-ऑर्डिनशन कमेटी (जमैक) के महासचिव अर्जुन समद ने कहा कि सरकार से मांग की नौ जून को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाये. जल जंगल जमीन की हिफाजत के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा.
सोने की चिड़िया जैसा निखर सकता था झारखंड : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि यह राज्य यहां के आदिवासी, मूलवासी यहां के रहने वाले तमाम लोगों के लिए सोने की चिड़िया थी. लेकिन, देश की आजादी के लिए कुर्बानी देनेवाले बिरसा की भूमि के लोग भूख से मर रहे हैं. आदिवासियों की संस्कृति, परंपरा, सभ्यता पर सबसे अधिक मार यहीं हो रहा है. यहां के आदिवासी, मूलवासी जो इस राज्य में रहते हैं, उन्हें बिरसा के सपनों को पूरा करने के लिए एकजुट होने की जरूरत है.
इस राज्य में धर्म युद्ध नहीं चलेगा : टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि बिरसा मुंडा ने धर्म युद्ध नहीं किया था. उन्होंने जमीन बचाने, कानून बचाने का युद्ध किया था. हम इस राज्य में धर्म युद्ध को नहीं स्वीकार करेंगे. बिरसा मुंडा ने जिस जल, जंगल, जमीन के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ी थी, वह अब पूंजीवादी ताकतों के हाथ में चली गयी है.
बिरसा के सपनों से कोसों दूर हैं : राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के अध्यक्ष प्रभाकर तिर्की ने कहा कि बिरसा मुंडा का सपना था कि गरीबों का भविष्य उज्ज्वल हो जाये. भावी पीढ़ियाें, दूर दराज के जंगलों में रहने वालों, गांवों में रहने वालों और झारखंड की सभ्यता-संस्कृति, जल-जंगल-जमीन की सुरक्षा सुनिशचित हो. आज हम इससे कोसों दूर है. उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि उनके सपनों को पूरा करने में है.
विभिन्न संगठनों के संगठनों ने दी श्रद्धांजलि : केंद्रीय सरना समिति (फूलचंद तिर्की), केंद्रीय सरना समिति (अजय तिर्की), सीपीआइ (एम),अभाविप, झारखंड मांइस एरिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी, झामुमो, भारत मुंडा समाज, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा, जय आदिवासी केंद्रीय परिषद, केंद्रीय आदिवासी मोर्चा, सरना आदिवासी लोहरा समाज समेत अन्य संगठनों ने बिरसा मुंडा की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये.

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