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रांची विश्वविद्यालय में 58 वर्ष बाद शिक्षण शुल्क बढ़ाने का फैसला

स्नातक का 125 आैर पीजी का 150 रुपये होगा रांची : रांची विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर के शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी हाेगी. शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्ताव को विवि के वित्त समिति ने स्वीकृति दे दी है. वित्त समिति की शनिवार को कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई. शुल्क में बढ़ोतरी […]

स्नातक का 125 आैर पीजी का 150 रुपये होगा

रांची : रांची विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर के शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी हाेगी. शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्ताव को विवि के वित्त समिति ने स्वीकृति दे दी है. वित्त समिति की शनिवार को कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई. शुल्क में बढ़ोतरी शैक्षणिक सत्र 2019-20 से प्रभावी होगी.

विश्वविद्यालय के स्थापना काल के बाद से शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की गयी है. विश्वविद्यालय में 58 वर्ष के बाद शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी की गयी है. स्नातक में अब 125 रुपये प्रतिमाह व प्रतिमाह 150 रुपये स्नातकोत्तर में शिक्षण शुल्क लिया जायेगा. विश्वविद्यालय में वर्तमान में स्नातक के लिए 12 रुपये प्रतिमाह और स्नातकोत्तर के लिए 18 रुपये प्रतिमाह शिक्षण शुल्क लिया जाता था.

शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव अब सिंडिकेट की बैठक में रखा जायेगा. विश्वविद्यालय में शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर गत वर्ष कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को दी थी.इस रिपोर्ट के आधार पर शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया गया. बैठक में यात्रा भत्ता आठ रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 12 रुपये करने के प्रस्ताव पर विचार गया. वित्त समिति ने यात्रा भत्ता बढ़ाने को भी स्वीकृति दे दी. बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. कामिनी कुमार, प्रभारी कुलसचिव डॉ पीके वर्मा, वित्तीय सलाहकार एस मुखोपाध्याय, वित्त पदाधिकारी केके वर्मा, रांची वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ मंजू सिन्हा, डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ वीएस तिवारी समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे.

शुल्क बढ़ोतरी के लिए गठित कमेटी के सदस्य

रांची विश्वविद्यालय में शुल्क बढ़ोतरी के लिए वित्तीय सलाहकार एस मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी थी. वित्त पदाधिकारी केके वर्मा कमेटी के सदस्य सचिव बनाये गये थे. कमेटी में डीएसडब्ल्यू डॉ पीके वर्मा, रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य मनोज कुमार, उप कुलसचिव डॉ प्रीतम कुमार शामिल थे. कमेटी ने विभिन्न विश्वविद्यालयों की शुल्क व्यवस्था का अध्ययन किया था.

छात्र संघ ने किया था विरोध

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने इससे पूर्व भी 2004 में प्रस्ताव तैयार कर शुल्क बढ़ोतरी का प्रयास किया गया था. उस समय विभिन्न छात्र संगठनों ने इसका काफी विरोध किया था. इसके बाद विश्वविद्यालय को फीस बढ़ाने का निर्णय वापस लेना पड़ा था.

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