अजय दयाल
रांची : साइबर अपराधियों ने अपराध का नया तरीका अख्तियार किया है. ऐसे अपराधी अब फेसबुक पर महिलाओं का स्टेटस देखकर उन्हें अपने चंगुल में फंसा रहे हैं. साइबर अपराधी पहले महिलाओं से दोस्ती करते हैं. सारा स्टेटस देखने के बाद उन्हें ब्लैकमेल करते हैं. खुद विदेश में रह कर अच्छी जॉब की बात कहते हैं, जिससे महिलाएं उनकी जाल में फंस जा रही हैं.
विदेश से महंगी गिफ्ट भेजने के नाम पर होती है ठगी : महिलाओं से बातचीत के बाद वह उन्हें लुभावने सपने दिखाते हैं. पहले कहते हैं वह इंडिया आ रहा है. उनके लिए बढ़िया गिफ्ट खरीदने की बात कहता है, फिर अचानक वह इंडिया नहीं आने और गिफ्ट इंडिया भेज देने की बात करता है. कहता है: गिफ्ट कस्टमवालों के पास है, वहां से उसे गिफ्ट को छुड़ा लेना होगा. इसके बाद यहीं से शुरू हो जाता है ठगी का धंधा.
इंडिया में साइबर अपराधियों का गिरोह कस्टम अधिकारी बन उस महिला से बात करता है. फोन कर कहता है कि जो गिफ्ट आया है, उसे छुड़ाने के एवज में पांच लाख रुपये लगेंगे, नहीं तो दोगुनी पेनाल्टी लगेगी. पेनाल्टी के डर से महिलाएं इससे बचने का उपाय जानना चाहती हैं.
इस पर साइबर अपराधियों का गिरोह कस्टम अधिकारी बन एक एकाउंट नंबर देता है और उसमें रुपये डालने को कहता है. महिला जैसे ही अकाउंट में राशि डालती हैं, उसके विदेश वाला फेसबुक फ्रेंड भी गायब हो जाता है. अकाउंट नंबर देनेवाले का फोन भी नहीं लगता है, तब महिला समझ जाती हैं कि वह ठगी की शिकार हो चुकी हैं. डर या शर्म से वह इस बात को परिजन को बता भी नहीं पाती हैं. राजधानी के कई मामले साइबर थाने में आ चुके हैं.
‘अनजान व्यक्ति को फेसबुक फ्रेेंड न बनाये, विदेशों के रहनेवाले जिसे आपका दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है, उसे तो कभी भी फेसबुक फ्रेंड बनाने के बाद फोन नंबर ने दें. यह आधार से लिंक हो जाता है, उससे सारा डिटेल निकाल कर साइबर अपराधी आपका अकाउंट खाली कर सकते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहें.
– सुमित प्रसाद, साइबर थाना प्रभारी, रांची