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रांची : मई से शुरू हो सकता है टाटा कैंसर अस्पताल का निर्माण, टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर रहा है टाटा ट्रस्ट

सुनील चौधरी रांची : रांची के रिनपास परिसर में बनने वाले टाटा के कैंसर अस्पताल का निर्माण कार्य मई से शुरू हो सकता है. 10 नवंबर 2018 को मुख्यमंत्री रघुवर दास और टाटा के चेयरमैन रतन टाटा ने इस विश्वस्तरीय अस्पताल का शिलान्यास किया था. इसका नाम रांची कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर रखा गया […]

सुनील चौधरी
रांची : रांची के रिनपास परिसर में बनने वाले टाटा के कैंसर अस्पताल का निर्माण कार्य मई से शुरू हो सकता है. 10 नवंबर 2018 को मुख्यमंत्री रघुवर दास और टाटा के चेयरमैन रतन टाटा ने इस विश्वस्तरीय अस्पताल का शिलान्यास किया था. इसका नाम रांची कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर रखा गया है.
यह राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट का सामूहिक उपक्रम का अस्पताल है. 302 बेड वाले इस अस्पताल में 50 प्रतिशत बेड राज्य के लोगों के लिए आरक्षित होंगे, 14 ऑपरेशन थिएटर, 28 बेड का आइसीयू और ब्लड बैंक भी अस्पताल में होंगे. 400 करोड़ की लागत से 23.5 एकड़ में अस्पताल बनना है. राज्य सरकार ने यह जमीन दी है. उस समय ही कहा गया था कि दो साल बाद अस्पताल के पहले चरण का निर्माण पूरा हो जायेगा और मरीजों का इलाज शुरू हो जायेगा.
इटकी मेडिको सिटी में फंसा टेंडर का पेच
इटकी में मेडिको सिटी 70 एकड़ में डेवलप किया जाना है. अबतक चार बार टेंडर निकला है. लेकिन, हर बार किसी न किसी वजह से टेंडर रद्द करना पड़ जाता है. इटकी मेडिको सिटी के लिए सरकार जमीन उपलब्ध करायेगी और पूंजी निवेश निजी कंपनियों को करना होगा. यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप(पीपीपी) मोड में इसे विकसित किया जायेगा.
बदले में सरकार 30 प्रतिशत मरीजों का इलाज अपने निर्धारित दरों पर करायेगी. वहीं, मेडिकल सीटों में भी 30 प्रतिशत सीट राज्य सरकार अपने लिए आरक्षित कराने की शर्त रखी है.
सरकार इसे पूर्वी भारत का मेडिकल हब के रूप में विकसित करना चाहती है. इसमें 100 सीट एवं 500 बेड का मल्टी स्पेशियालिटी अस्पताल बनना है. साथ ही मेडिकल एजुकेशन हब बनना है. इसमें नर्सिंग कॉलेज,फार्मास्यूटिकल कॉलेज,पारामेडिकल कॉलेज होगा. एटकी मेडिको सिटी के 15 एकड़ हिस्से में सुपर स्पेशियालिटी सेंटर अॉफ एक्सीलेंस फॉर एनसीडी बनना है और एक आयुष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निर्माण भी होना है.
टेंडर प्रक्रिया में लगा समय
टाटा के एक अधिकारी ने बताया कि नवंबर में राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट के बीच एमओयू हुआ था और अस्पताल की आधारशिला रखी गयी थी. यह बड़ी परियोजना है, जिसमें टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी करने में समय लगता है. इसी दौरान नया वित्तीय वर्ष भी आरंभ हो गया है. कुछ वित्तीय मामले होते हैं, जो नये वित्तीय वर्षसे शुरू हो जायेगा. मई माह के आसपास निर्माण कार्य आरंभ हो जायेगा.
अपोलो अस्पताल का मामला अधर में
वर्ष 2014 में अपोलो अस्पताल के रांची नगर निगम की 2.70 एकड़ जमीन नामकुम के घाघरा में दी गयी. पर जमीन तक पहुंचने के लिए पहुंच पथ को लेकर मामला आजतक सुलझा नहीं है. इस कारण अपोलो अस्पताल की निर्माण प्रक्रिया आजतक शुरू नहीं हो सकी है.
तीन मेडिकल कॉलेज व एम्स में पढ़ाई इसी सत्र से
राज्य के हजारीबाग, दुमका और पलामू के मेडिकल कॉलेज और देवघर में बन रहे एम्स में इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई आरंभ हो जायेगी. एम्स का भवन अभी नहीं बना है. पढ़ाई देवघर स्थित बीआइटी एक्सटेंशन सेंटर में होगी. हजारीबाग, दुमका और पलामू में मेडिकल कॉलेज के भवनों का निर्माण हो चुका है. इसमें उपकरण आदि लगाने की प्रक्रिया चल रही है.

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