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रांची : नहीं मिल पायेगा चार हजार महिला समूहों को कृषि उपकरण बैंक
मनोज सिंह सरेंडर होगी 80 करोड़ की योजना एक ट्रेनिंग एजेंसी से काम कराने के प्रस्ताव के कारण फंसी योजना रांची : चालू वित्तीय वर्ष में महिला समूहों को कृषि उपकरण बैंक नहीं मिल पायेगा. विभाग ने इसके लिए 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इससे चार हजार महिला किसानों के समूह को कृषि […]
मनोज सिंह
सरेंडर होगी 80 करोड़ की योजना
एक ट्रेनिंग एजेंसी से काम कराने के प्रस्ताव के कारण फंसी योजना
रांची : चालू वित्तीय वर्ष में महिला समूहों को कृषि उपकरण बैंक नहीं मिल पायेगा. विभाग ने इसके लिए 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इससे चार हजार महिला किसानों के समूह को कृषि उपकरण बैंक दिया जाना था.
समय से संशोधित राज्यादेश नहीं निकल पाने के कारण इस राशि को सरेंडर करने का प्रस्ताव विभाग के मंत्री ने दिया है. इस प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेज दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि इस स्कीम के संचालन को लेकर दिसंबर माह से ही वित्त विभाग में विवाद चल रहा है. कुछ लोग इस स्कीम का संचालन भूमि संरक्षण की प्रशिक्षण संस्थान (जेएमटीटीसी) से कराना चाहते थे. राज्यादेश में ही राशि निकालकर इसके खाते में डालने का निर्देश दिया गया था.
बाद में इस पर आपत्ति जतायी गयी. राज्यादेश का संशोधित प्रारूप निकालने की संचिका चली. अंतत: मंत्री ने 23 मार्च को राशि सरेंडर करने का निर्देश विभाग को दे दिया. वित्त विभाग से विशेष परिस्थिति में राशि सरेंडर करने की अनुमति मांगी गयी है. वित्त विभाग ने पूर्व में आदेश निकाल कर जो स्कीम संचालित नहीं हो सकता है, उसकी राशि 15 मार्च तक सरेंडर कर देने को कहा था.
जेएमटीटीसी ने दो बार निविदा निकाली
इस स्कीम के संशोधित राज्यादेश निकालने से पूर्व ही जेएमटीटीसी ने दो बार निविदा निकाल दी थी. एक बार निविदा रद्द कर दिया गया था. दूसरी बार आठ मार्च को निविदा निकाली गयी. इसको विभाग की सचिव ने गलत बताया है.
इसे नियम विरुद्ध तथा वित्तीय दृष्टिकोण से गलत मानते हुए संबंधित पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आग्रह मंत्री से किया है. इस पर मंत्री ने कोई टिप्पणी नहीं की है. दूसरी बार निकाले गये टेंडर में करीब 50 कंपनियों ने हिस्सा लिया. इससे करीब चार करोड़ रुपये का इएमडी जमा करा लिया गया है.
क्यों आयी ऐसी स्थिति
कृषि यांत्रिकरण स्कीम के संचालन के लिए कृषि विभाग ने राज्यादेश निकाला था. इस आदेश में ही जिक्र कर दिया था कि पैसा निकाल कर जेएमटीटीसी के पीएल खाते में दे दिया जाये. इस स्कीम के संचालन की जिम्मेदारी भी जेएमटीटीसी को दी गयी थी. इससे संबंधित खबर प्रभात खबर में छपने के बाद विभाग ने स्कीम में संशोधन पर मंथन करना शुरू किया.
संचिका अनुमोदन के लिए वित्त विभाग के पास भेजा गया. वित्त विभाग ने राशि जेएमटीटीसी के पीएल खाते में डालने की अनुमति दी थी. कहा कि इससे संबंधित आदेश सात मार्च को निकाला गया है. इसमें कहा गया है कि खर्च नहीं करने की स्थिति में विभाग पीएल खाते में राशि डाल सकती है.
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