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रांची : अनियमित धड़कन को नियंत्रित करने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम
आर्किड मेडिकल सेंटर में सेमिनार का आयोजन रांची : आर्किड मेडिकल सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ वरुण कुमार ने कहा कि दिल की अनियमित धड़कन (एट्रियल फाइब्रिलेशन) को नियंत्रित कर ब्रेन स्ट्रोक को काफी हद तक रोका जा सकता है. अनियमित धड़कन हार्ट की बीमारी को बढ़ाती है. थकान, कमजोरी व चक्कर इस बीमारी के प्रारंभिक […]
आर्किड मेडिकल सेंटर में सेमिनार का आयोजन
रांची : आर्किड मेडिकल सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ वरुण कुमार ने कहा कि दिल की अनियमित धड़कन (एट्रियल फाइब्रिलेशन) को नियंत्रित कर ब्रेन स्ट्रोक को काफी हद तक रोका जा सकता है. अनियमित धड़कन हार्ट की बीमारी को बढ़ाती है. थकान, कमजोरी व चक्कर इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण हैं. जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे बचा सकता है. वे आर्किड मेडिकल सेंटर की ओर से रविवार को आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि अनियमित दिल की धड़कन को रोकने के लिए नयी दवाएं हैं, जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है. मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ वीके ढानढनिया ने बताया कि हृदय रोग व मधुमेह का गहरा संबंध है.
हृदय रोगियों के लिए रक्त शर्करा पर नियंत्रण करना जरूरी है, क्योंकि यह हार्ट को नुकसान तो पहुंचाता ही है, किडनी को भी खराब करता है.कोलकाता से आये कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिलीप कुमार ने हार्ट फेलियर व उसके उपचार की जानकारी दी. कार्यक्रम में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दीपक गुप्ता, डॉ प्रकाश कुमार, डॉ नीरज प्रसाद, डॉ अरुण सरकार, डॉ एके पांडेय, पूनम मिश्रा आदि मौजूद थे.
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