रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने अलकतरा घोटाला मामले में दोषी पाते हुए एकीकृत बिहार के पूर्व मंत्री (पथ निर्माण विभाग) इलियास हुसैन, उनके पीए शहाबुद्दीन बेग सहित सात लोगों को पांच साल जेल की सजा सुनायी है.
सजा पानेवाले अन्य लोगों में कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजतबा अहमद, क्लर्क शोभा सिन्हा अौर ट्रांसपोर्टर दूधेश्वर नाथ सिंह शामिल हैं. इनमें दूधेश्वर नाथ सिंह पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि शेष अभियुक्तों पर 20-20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. मुजतबा अहमद जजमेंट के दौरान उपस्थित नहीं थे. उनके खिलाफ अदालत से वारंट जारी किया गया है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता राकेश कुमार ने कहा कि अस्वस्थ होने की वजह से वे कोर्ट नहीं आ पाये. साथ ही कहा कि वे फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.
अवैध तरीके से बेचा था 3200 टन अलकतरा : यह मामला सीबीआइ कांड संख्या आरसी 2एस/97 से संबंधित है. वर्ष 1994-96 की अवधि में आरसीडी (रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट) रोड डिवीजन, चतरा के तहत सड़क का निर्माण कराया जा रहा था. पथ निर्माण के लिए हल्दिया ऑयल रिफाइनरी, कोलकाता से अलकतरा आना था.
इस दौरान पूर्व मंत्री व पथ निर्माण विभाग के अधिकारी, इंजीनियरों, कर्मचारियों अौर ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से अलकतरा का घोटाला किया गया. इस दौरान पथ निर्माण के लिए 3200 मीट्रिक टन अलकतरा अवैध तरीके से बेच दिया गया अौर सरकार को 1.5 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया.
एक अन्य मामले में भी सजायाफ्ता हैं इलियास : इलियास हुसैन अलकतरा घोटाला से जुड़े एक अन्य मामले आरसी 4ए/97 में फिलहाल सजा काट रहे हैं. उन्हें सीबीआइ की अदालत ने 27 सितंबर 2018 को चार साल जेल की सजा सुनायी थी. इसी मामले में उनके पीए शहाबुद्दीन बेग भी सजा काट रहे हैं.
ट्रांसपोर्टर दूधेश्वर नाथ
पर 60 लाख का जुर्माना
छह अभियुक्तों पर 20-20 लाख रुपये का जुर्माना
फैसले के दौरान मौजूद नहीं थे मुजतबा अहमद