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रांची : निजी एजेंसी के हाथों में सेवा सौंपने का विरोध, ठेका कर्मियों का दो दिनों का कार्य बहिष्कार शुरू
रांची : रांची समाहरणालय और प्रखंडों में कार्यरत ठेका कर्मियों का दो दिनों का कार्य बहिष्कार बुधवार से शुरू हो गया. सभी ठेका कर्मियों ने समाहरणालय के पास धरना दिया. कर्मचारी निजी एजेंसी को सेवा सौंपे जाने का विरोध कर रहे हैं. इनमें कंप्यूटर ऑपरेटर, अमीन, चपरासी, चालक व रसोइया शामिल हैं. रांची जिले के […]
रांची : रांची समाहरणालय और प्रखंडों में कार्यरत ठेका कर्मियों का दो दिनों का कार्य बहिष्कार बुधवार से शुरू हो गया. सभी ठेका कर्मियों ने समाहरणालय के पास धरना दिया. कर्मचारी निजी एजेंसी को सेवा सौंपे जाने का विरोध कर रहे हैं. इनमें कंप्यूटर ऑपरेटर, अमीन, चपरासी, चालक व रसोइया शामिल हैं. रांची जिले के करीब 300 ठेका कर्मी आंदोलन पर हैं. इस कारण कंप्यूटर में डाटा इंट्री व अन्य दफ्तरों का काम प्रभावित हुआ.
ठेका कर्मियों का कहना है कि उनकी सेवा कमांडो सिक्यूरिटी फोर्स नामक निजी एजेंसी को सौंप दी गयी है, जो गलत है. ठेका कर्मियों के मानदेय में भी कटौती कर दी गयी है. कंप्यूटर ऑपरेटर को पहले 16,400 मानदेय मिलता था. अब मात्र 7100 रुपये ही मिल रहे हैं. वहीं, चालकों को 9100 के बदले 7500 और चपरासी को 6400 के बदले 5000 रुपये मानदेय प्रतिमाह दिया जा रहा है.
रांची जिले में आउटसोर्सिंग के लिए कमांडो सिक्यूरिटीज का चयन करने पर भू राजस्व विभाग ने भी सवाल उठाया है. विभाग की संयुक्त सचिव ने रांची के उपायुक्त को पत्र भेज कर कहा है कि जैप आइटी की ओर से चयनित कंपनियों से ही कर्मचारियों की सेवा ली जा सकती है.
जिले में कमांडो सिक्यूरिटीज कंपनी से किन परिस्थितियों में सेवा ली जा रही है, इसका जवाब उपायुक्त से मांगा गया है. पत्र में कहा गया है कि संविदा कर्मियों को यदि पूर्व की व्यवस्था में ही रखने का निर्णय लिया जाता है, तो उनका भुगतान योजना एवं वित्त विभाग के संकल्प के अनुसार ही किया जाना चाहिए.
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