37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रांची : समाज कल्याण सचिव अमिताभ ने जारी की चिट्ठी, बाल गृहों में लेडी सुपरवाइजर व सीडीपीओ करेंगी निगरानी

रांची : राज्य के सभी 120 निबंधित बाल गृहों (चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशंस) को एक-एक लेडी सुपरवाइजर (महिला पर्यवेक्षक) तथा संबंधित प्रोजेक्ट की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीअो) से संबद्ध किया जायेगा. इनका काम उस बाल गृह की सतत मॉनिटरिंग करना, बच्चों से बात करना तथा यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी बच्चे के साथ […]

रांची : राज्य के सभी 120 निबंधित बाल गृहों (चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशंस) को एक-एक लेडी सुपरवाइजर (महिला पर्यवेक्षक) तथा संबंधित प्रोजेक्ट की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीअो) से संबद्ध किया जायेगा.
इनका काम उस बाल गृह की सतत मॉनिटरिंग करना, बच्चों से बात करना तथा यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी बच्चे के साथ किसी तरह की कोई प्रताड़ना नहीं हो रही हो.
यदि वहां ऐसे किसी मामले का पता चला है, तो इसके लिए संबंधित लेडी सुपरवाइजर व सीडीपीअो को जिम्मेदार माना जायेगा. समाज कल्याण सचिव अमिताभ कौशल ने सभी उपायुक्तों को इससे संबंधित पत्र व विवरण भेज दिया है.
हाल के महीनों में रांची में ही कुछ बाल गृहों में बच्चों को बेच देने या अन्यत्र ले जाने सहित अन्य शिकायतों के बाद बाल गृहों को सुरक्षित व बच्चों के अनुकूल बनाने के दिशा में राज्य सरकार का यह एक बड़ा व प्रभावी कदम है. उपायुक्तों से कहा गया है कि वह अपने-अपने जिले के सभी निबंधित बाल गृहों से एक-एक लेडी सुपरवाइजर व सीडीपीअो को संबद्ध कर उन्हें उनके कार्यों संबंधी निर्देश दें तथा उनकी सूची विभाग को उपलब्ध करायें.
इसी के साथ उपायुक्तों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 तथा झारखंड किशोर न्याय नियम-2017 के प्रावधान की जानकारी देते हुए सबको सुनिश्चित कराने को कहा गया है, जो अब तक नहीं हुए हैं. उपायुक्तों से उपरोक्त बिंदु पर कार्रवाई सुनिश्चित कर अनुपालन प्रतिवेदन (रिपोर्ट) देने को कहा गया है.
ठीक नहीं है व्यवस्था
सचिव अमिताभ ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि कुछ समय पूर्व बाल संरक्षण आयोग तथा जिला निरीक्षण समितियों ने जब कुछ बाल गृहों का निरीक्षण किया था, तो इन गृहों/संस्थानों में रहने वाले बच्चों की देखभाल व संरक्षण विहित प्रावधानों के अनुरूप न होने का पता चला था. चिकित्सा की सुविधा तथा बाल गृह में जगह की कमी थी. शौचालय की स्थिति खराब मिली थी. फ्लश काम नहीं करता था.
बाल गृहों में किशोर न्याय अधिनियम/नियम के तहत यह जरूरी
संबंधित पोर्टल पर ट्रैक चाइल्ड डाटा लगातार अपडेट हो
बाल गृह के बच्चों की संख्या हर माह जिला बाल संरक्षण इकाई को देना
बाल गृह में सीसीटीवी सहित बाल सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना
बाल गृह के सभी बच्चों का अलग-अलग केयर प्लान बनाना जरूरी
बाल गृह में कंप्यूटर, टेलीफोन सुविधा व वोकेशनल ट्रेनिंग सुनिश्चित कराना
गृह में चिकित्सा सुविधा, बाल समिति व प्रबंधन समिति कार्यरत रहना
संचालक एनजीअो की पृष्ठभूमि की तत्काल जांच तथा कर्मियों का पुलिस वेरिफिकेशन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें