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विधानसभा चुनाव साथ कराने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने नहीं दिया स्पष्ट जवाब, कहा फिलहाल लोकसभा चुनाव पर है पूरा ध्यान

लोस चुनाव की तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों के साथ बैठक की रांची : झारखंड में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इतना ही कहा कि फिलहाल लोकसभा चुनाव पर आयोग का ध्यान है. बुधवार को रांची में राजनीतिक दलों के साथ बैठक में एक […]

लोस चुनाव की तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों के साथ बैठक की
रांची : झारखंड में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इतना ही कहा कि फिलहाल लोकसभा चुनाव पर आयोग का ध्यान है. बुधवार को रांची में राजनीतिक दलों के साथ बैठक में एक दल द्वारा इसे लेकर चर्चा करने के सवाल पर श्री अरोड़ा ने इसकी संभावना पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा. सिर्फ इतना कहा कि चुनाव आयोग फिलहाल लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है.
मुख्य चुनाव अायुक्त रांची के होटल रेडिसन ब्लू में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर रहे थे.बैठक में अधिकांश दलों ने लोकसभा चुनाव दो या तीन चरण में कराने का सुझाव आयोग को दिया. सिर्फ राजद ने एक चरण में चुनाव कराने की मांग की.श्री अरोड़ा ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा कि कोई भी पार्टी चुनाव प्रचार में 10 हजार से अधिक राशि का भुगतान नकद नहीं कर सकती है. बैठक में कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग से तीन साल से अधि‍क एक ही स्थान पर जमे अफसराें के ट्रांसफर की मांग की है.
पुराने केंद्रों को नहीं बदलें : भाजपा
भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में विधायक सह पार्टी के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने आयोग को पुराने मतदान केंद्रों को नहीं बदलने का सुझाव देते हुए कहा कि अचानक बूथ बदल देने से मतदाताओं को परेशानी होती है. श्री किशोर ने आयोग को पुराने मतदान केंद्रों को नहीं बदलने का सुझाव देते हुए कहा कि अचानक बूथ बदल देने से मतदाताओं को परेशानी होती है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है. उन्‍होंने यह भी बताया कि झारखंड सरकार के प्रयास से नक्सल की समस्या पर काफी नियंत्रण पाया जा चुका है. राज्य में हाल में हुए उपचुनावों में कोई नक्सली गतिविधि नहीं हुई है. श्री किशोर के साथ प्रतिनिधिमंडल में चुनाव आयोग संपर्क विभाग के संयोजक शिव कुमार शर्मा, सह संयोजक सुधीर श्रीवास्तव भी शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को ज्ञापन भी सौंपा.ज्ञापन में लिखा गया है कि राज्य में राजनीतिक दलों के संरक्षण में समाज के विभाजनकारी संगठनों के द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जाता रहा है जिसमें जाति एवं धार्मिक उन्माद फैलाना प्रमुख है.संविधान विरोधी पत्थलगड़ी कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी का प्रत्यक्ष समर्थन रहा है, जो पूरी तरह वोट की राजनीति का हिस्सा है. भाजपा ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के नक्सलियों से संबंध का विषय भी उठाया है. साथ ही बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटाये जाने की भी मांग की.
जिन अफसरों पर आरोप लगा है, उन्हें हटाया जाये : झामुमो
झामुमो की ओर से विधायक स्टीफन मरांडी और पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में वैसे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, जिन पर विशेष राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने (मुख्य रूप से वर्तमान डीजीपी और विशेष शाखा के एडीजी पर) का आरोप लगा है, उन पर अविलंब कार्रवाई करते हुए स्थानांतरित किया जाये या चुनाव प्रक्रिया से वंचित रखा जाये की मांग की गयी है. इसी तरह तीन वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत पदाधिकारियों का चुनाव पूर्व स्थानांतरण हो, ताकि निष्पक्ष मतदान हो सके. चुनाव के दौरान आम जनता के आवागमन को बाधित न किया जाये जैसी मांगे भी रखी गयी.
लंबे समय से जमे अधिकारियों को बदला जाये: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं विधायक सुखदेव भगत ने आयोग से लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में हो इसके लिए सुझाव दिया तथा ज्ञापन सौंपा. उनके साथ मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं सूर्यकांत शुक्ला मौजूद थे. ज्ञापन में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव न कराये जाने की मांग की गयी है. पार्टी द्वारा तीन वर्ष से अधिक समय से जमे पदाधिकारियों के तबादले की मांग की गयी है.
पुराने केंद्रों को नहीं बदलें : भाजपा
भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में विधायक सह पार्टी के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने आयोग को पुराने मतदान केंद्रों को नहीं बदलने का सुझाव देते हुए कहा कि अचानक बूथ बदल देने से मतदाताओं को परेशानी होती है.
श्री किशोर ने आयोग को पुराने मतदान केंद्रों को नहीं बदलने का सुझाव देते हुए कहा कि अचानक बूथ बदल देने से मतदाताओं को परेशानी होती है.उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है. उन्‍होंने यह भी बताया कि झारखंड सरकार के प्रयास से नक्सल की समस्या पर काफी नियंत्रण पाया जा चुका है. राज्य में हाल में हुए उपचुनावों में कोई नक्सली गतिविधि नहीं हुई है. श्री किशोर के साथ प्रतिनिधिमंडल में चुनाव आयोग संपर्क विभाग के संयोजक शिव कुमार शर्मा, सह संयोजक सुधीर श्रीवास्तव भी शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को ज्ञापन भी सौंपा.ज्ञापन में लिखा गया है कि राज्य में राजनीतिक दलों के संरक्षण में समाज के विभाजनकारी संगठनों के द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जाता रहा है जिसमें जाति एवं धार्मिक उन्माद फैलाना प्रमुख है.
संविधान विरोधी पत्थलगड़ी कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी का प्रत्यक्ष समर्थन रहा है, जो पूरी तरह वोट की राजनीति का हिस्सा है. भाजपा ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के नक्सलियों से संबंध का विषय भी उठाया है. साथ ही बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटाये जाने की भी मांग की.
जिन अफसरों पर आरोप लगा है, उन्हें हटाया जाये : झामुमो
झामुमो की ओर से विधायक स्टीफन मरांडी और पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में वैसे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, जिन पर विशेष राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने (मुख्य रूप से वर्तमान डीजीपी और विशेष शाखा के एडीजी पर) का आरोप लगा है, उन पर अविलंब कार्रवाई करते हुए स्थानांतरित किया जाये या चुनाव प्रक्रिया से वंचित रखा जाये की मांग की गयी है.
इसी तरह तीन वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत पदाधिकारियों का चुनाव पूर्व स्थानांतरण हो, ताकि निष्पक्ष मतदान हो सके. चुनाव के दौरान आम जनता के आवागमन को बाधित न किया जाये जैसी मांगे भी रखी गयी.
लंबे समय से जमे अधिकारियों को बदला जाये: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं विधायक सुखदेव भगत ने आयोग से लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में हो इसके लिए सुझाव दिया तथा ज्ञापन सौंपा.
उनके साथ मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं सूर्यकांत शुक्ला मौजूद थे. ज्ञापन में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव न कराये जाने की मांग की गयी है. पार्टी द्वारा तीन वर्ष से अधिक समय से जमे पदाधिकारियों के तबादले की मांग की गयी है.
तीन चरणों में चुनाव हो: सीपीआइ
सीपीआइ की ओर से सहायक राज्य सचिव महेंद्र पाठक और कार्यालय सचिव अजय कुमार सिंह ने चुनाव आयोग से मांग की कि झारखंड में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्वक हो .14 लोकसभा सीट पर चुनाव दो या तीन चरणों से कराया जाये, ताकि लोगों को लंबी चुनावी प्रक्रिया से निजात मिल सके.लंबे समय से जिलों में जमे पुलिस अधिकारियों को चुनाव से पहले हटाया जाये ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके.सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट से चुनाव कराने की मांग की गयी.
पार्टी विशेष के लिए काम करनेवाले को तुरंत बदलें : झाविमो
झाविमो प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को मांग पत्र सौंपा. योगेंद्र प्रताप व केके पोद्दार ने अपनी बातें रखीं. योगेंद्र प्रताप ने मांग की कि चुनाव प्रचार के लिये लाउडस्पीकर, सभा स्थल व प्रचार के लिये वाहन की अनुमति ली जाती है इसके लिये काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
इस कार्य के लिए सिंगल विंडो रहे और नोडल पदाधिकारी भी हों ताकि, एक ही जगह सारे काम हो जायें. मांग पत्र के जरिये उन्होंने यह भी कहा कि जो पदाधिकारी चुनाव में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हैं और किसी पार्टी विशेष के लिये काम करते हैं उन्हें चुनाव कार्य से दूर रखा जाये. वहीं, झाविमो ने चुनाव में धन बल के दुरुपयोग पर भी रोक लगाने की मांग की है.
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी सुधारने की मांग की गयी : राजद
राष्ट्रीय जनता दल की ओर से पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह, प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार व महासचिव आबिद अली ने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी सुधारने, नाम किसी का फोटो किसी का सुधारने, लोकसभा चुनाव झारखंड में एक बार में करवाने, तीन वर्ष से अधिक दिनों से पदस्थापित पदाधिकारी को ट्रांसफर करने, ब्यय का ब्योरा तीस दिन के बजाय साठ दिन करने का सुझाव दिया.

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