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रांची : पीड़ित बच्चों को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाये : सीएम

बाल संरक्षण आयोग की ऑफिसियल वेबसाइट का शुभारंभ रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ट्रैफिकिंग से रेस्क्यू कर जो बच्चे झारखंड लाये जाते हैं, उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है. उन्होंने आयोग को निर्देश दिया कि वैसे सभी बच्चों की लिस्ट बनाकर आयोग राज्य सरकार को सौंपे, […]

बाल संरक्षण आयोग की ऑफिसियल वेबसाइट का शुभारंभ
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ट्रैफिकिंग से रेस्क्यू कर जो बच्चे झारखंड लाये जाते हैं, उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है.
उन्होंने आयोग को निर्देश दिया कि वैसे सभी बच्चों की लिस्ट बनाकर आयोग राज्य सरकार को सौंपे, जो रेस्क्यू कर आये हैं और रोजगार की तलाश में हैं. जो बच्चे-बच्चियां आगे पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें भी राज्य सरकार शिक्षित करेगी. बाल संरक्षण आयोग रेस्क्यू से वापस आयी 16 से 18 वर्ष की उम्र की लड़कियों को कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराने पर अधिक जोर दे. श्रीदास ने यह बातें मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की ऑफिसियल वेबसाइट के लोकार्पण समारोह में कही.
वेबसाइट पोर्टल सरकार, आयोग एवं समाज के बीच सेतु : मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग के अपने वेबसाइट पोर्टल होने से राज्य के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी बच्चों के अधिकारों से संबंधित शिकायत आयोग के समक्ष रख सकेंगे. वेबसाइट सरकार, आयोग एवं समाज के बीच एक सेतु का कार्य करेगी. वेबसाइट पोर्टल के माध्यम से लोग बच्चों के अधिकारों से संबंधित शिकायत सीधे ऑनलाइन आयोग तक रख पायेंगे. आयोग में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी.
साथ ही साथ राज्य सरकार के पास आयोग के कार्यों का फीडबैक भी मिल सकेगा. मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार बर्णवाल, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, झारखंड बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बबन गुप्ता, भूपेंन साहू, अनहद लाल, प्लान इंडिया के प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संस्थान, विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि समेत कई लोग उपस्थित थे.
ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए काम कर रहा आयोग
झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि झारखंड से कम उम्र में बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए आयोग गंभीरता पूर्वक कार्य कर रहा है. राज्य में पहली बार सरकार द्वारा बाल बजट का प्रावधान किया गया है. बाल बजट के प्रावधान करने से सभी वर्गों के बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सकेगा. तकनीकी के इस युग में वेबसाइट पोर्टल के माध्यम से मिलनेवाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई आयोग द्वारा की जा सकेगी.
राज्य से पलायन रोकना मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाल संरक्षण आयोग का गठन करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि राज्य से पलायन पूर्ण रूप से रुके. झारखंड में ट्रैफिकिंग की समस्या बहुत बड़ी चुनौती है. रोजगार की तलाश में कम उम्र में ही बच्चे-बच्चियां झारखंड से पलायन कर दूसरे राज्यों के बड़े-बड़े शहरों में चले जाते हैं. राज्य सरकार हर हाल में पलायन रोकने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. हम सब को ट्रैफिकिंग के विरुद्ध और तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रॉपआउट और कम उम्र में शादी की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण आयोग को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का प्रचार-प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक तरीके से करें.

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