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शीतकालीन सत्र : वाहनों पर लगने वाला कर बढ़ाया जायेगा मतदान से पारित हुआ संशोधन विधेयक

रांची : झारखंड में मोटरवाहनों पर लगने वाले कई प्रकार के कर बढ़ाये जायेंगे. इससे संबंधित संशोधन विधेयक गुरुवार को सदन से पारित हुआ. इसके लिए सदन में मतदान कराना पड़ा. इसका विरोध करते हुए झामुमो और कांग्रेस के विधायकों ने बायकॉट कर दिया. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन दूसरी पाली में राज्य सरकार के […]

रांची : झारखंड में मोटरवाहनों पर लगने वाले कई प्रकार के कर बढ़ाये जायेंगे. इससे संबंधित संशोधन विधेयक गुरुवार को सदन से पारित हुआ. इसके लिए सदन में मतदान कराना पड़ा. इसका विरोध करते हुए झामुमो और कांग्रेस के विधायकों ने बायकॉट कर दिया. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन दूसरी पाली में राज्य सरकार के मंत्री सीपी सिंह ने झारखंड मोटरवाहन करारोपण (संशोधन) विधेयक-2018 पेश किया था. इसको प्रवर समिति में भेजने का आग्रह विपक्ष के प्रदीप यादव ने किया.
प्रदीप यादव का कहना था कि क्या इस संशोधन विधेयक को सदन में लाने से पहले सरकार ने कोई अध्ययन कराया है, कि इससे सरकार को फायदा होगा या नुकसान. इसमें कई प्रकार के वाहनों के कर बढ़ाने का प्रस्ताव है. इससे दूसरे राज्य से झारखंड आकर वाहन खरीदने वाले नहीं आयेंगे. इसमें ट्रेक्टर और उसमें लगनेवाले ट्रेलर में भी टैक्स का प्रावधान किया गया है. यह किसानों के हित में नहीं है. 12-15 साल पुरानी निजी वाहनों पर भी 10 फीसदी हरित कर लगाने का प्रस्ताव लाया गया है.
प्रदीप यादव की बातों का समर्थन नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने भी किया. उन्होंने कहा कि वन टैक्स की बात करने वाली सरकार कई तरह का टैक्स लगा रही है. पक्ष के विधायक राधाकृष्ण किशोर ने भी इसमें किये गये प्रावधानों को विरोध किया. कहा कि झारखंड जैसे गरीब राज्य के बारे में भी सोचना चाहिए. नवीन जायसवाल ने कहा कि यहां गाड़ियो का फिटनेस चार माह से बंद है. इससे व्यावसायिक वाहनों को नुकसान हो रहा है.
24 साल बाद बढ़ाया गया टैक्स स्लैब
मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि 24 साल के बाद टैक्स का स्लैब बढ़ाया गया है. टैक्स का सरलीकरण किया जा रहा है. कई राज्यों का अध्ययन भी किया गया है. गरीब किसानों को कोई नुकसान नहीं होना है. ट्रैक्टर रखने वाले गरीब किसान यहां कितने हैं. ट्रेलर पर एक मुश्त पांच हजार रुपये लिये जा रहे है.
मंत्री के जवाब से भी श्री यादव संतुष्ट नहीं हुए. सदन ने ध्वनिमत से पारित विधेयक पारित कराने का विपक्ष ने विरोध किया. इसके बाद विधानसभा सदस्यों को पक्ष और विपक्ष के आधार पर खड़ाकर मतदान कराया. इस मतदान में विधेयक की खामियां बताने वाले विधायकों ने भी प्रवर समिति ने भेजने का आग्रह का विरोध किया. प्रवर समिति में भेजने के पक्ष में 19 तथा विपक्ष में 35 विधायकों ने मतदान किया.
महिला दिव्यांगों को मिलेगा विशेष आरक्षण : राज्य सरकार के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए) (संशोधन ) विधेयक-2018 पेश किया. इसमें दिव्यांगों की कोटि में महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण का प्रावधान है. इसको प्रवर समिति में भेजने की मांग करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है. हेमंत सोरेन ने भी इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की.
झारखंड राज्य विवि (संशोधन) विधेयक : मंत्री नीरा यादव ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2018 पेश किया. इसमें जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की जिक्र किया गया है. प्रवर समिति ने भेजने की मांग करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि इसमें विश्वविद्यालय की परिसीमा स्पष्ट नहीं है. शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला जेपीएससी में दिये जाने का प्रावधान है. जेपीएससी खुद बोझ से लदा हुआ है. इसे भी ध्वनिमत से पारित करा लिया.
भारतीय मुद्रांक (झारखंड संशोधन विधेयक) : राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने भारतीय मुद्रांक (झारखंड संशोधन विधेयक) -2018 सदन में पेश किया. इसको प्रवर समिति में भेजने की मांग करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि मुद्रांक भुगतान के क्या वैकल्पिक व्यवस्था होगी, इसका जिक्र इसमें नहीं किया गया है. बाद में जानकारी दी गयी कि नेट बिलिंग, आरटीजीएस आदि के माध्मय से भी मुद्रांक भुगतान का प्रस्ताव है. मंत्री ने कहा कि इससे राजस्व में वृद्धि होगी.
झारखंड दुकान एवं प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक : श्रम मंत्री झारखंड दुकान एवं प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक-2018 ने सदन में पेश किया. मंत्री ने बताया कि इसमें ओवर टाइम का घंटा बढ़ाने का प्रस्ताव है. इससे मजदूरों को फायदा होगा. पहले साल में 150 घंटा साल में ओवर टाइम करने का प्रावधान था. अब कोई भी कर्मी माह में 50 घंटे ओवर टाइम कर सकता है.
रांची़ : वेल में पहुंचे विपक्षी विधायक, शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा
रांची़ : तीन दिनों का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर गुरुवार को भी सदन में हंगामा हुआ. विपक्षी विधायकों ने वेल में जाकर विरोध जताया. पहली पाली में सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई. लगभग आधा घंटा तक शोर शराबे की बीच कार्रवाई चली. इसके बाद दिन के 11.38 बजे स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद सदन की कार्यवाही 12.48 बजे शुरू हुई. हालांकि, दूसरी पाली में सदन की कार्यवाही व्यवस्थित हुई. पहली पाली में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने फिर से पारा शिक्षकों का मामला उठाया.
हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन सदन में पटल पर रखा. सदन के पहले दिन सरकार की ओर से 1117.12 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया था. दूसरे दिन प्रश्न काल नहीं चला. इस दौरान सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष दलों के हंगामे के बीच बिना चर्चा के अनुपूरक बजट पास हुआ. हंगामे के बीच दूसरी पाली के दौरान दो संशोधन विधेयक झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) व झारखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक पारित हुआ.
कार्यस्थगन के पांच प्रस्ताव लाये, स्पीकर ने किया अमान्य : सदन की कार्यवाही के दौरान पहली पाली में विपक्षी विधायक कार्यस्थगन के पांच प्रस्ताव लाये, जिसे स्पीकर ने अमान्य करार दिया. झामुमो विधायक रवींद्र नाथ महतो ने प्लस टू शिक्षकों में 80 प्रतिशत बाहरी लोगों की बहाली को लेकर कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया था.
वहीं, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी व निर्मला देवी ने सुखाड़ से किसानों की दयनीय स्थिति व किसानों के लिए राहत कार्य चलाने, विधायक राजकुमार यादव व अरुप चटर्जी ने मनरेगा, राजस्व कर्मियों, बीआरपी-सीआरपी, आंगनबाड़ी सेविकाओं के आंदोलन, झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी व सीमा देवी ने कस्तूरबा स्कूल से चौकीदार, रसोइया व अन्य कर्मियों को हटाने और झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने सरकार की गलत नीतियों व 80% बाहरी शिक्षकों की बहाली को लेकर कार्यस्थगन लाया था.
सदन पटल पर रखा गया सीएजी का प्रतिवेदन : विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भारत के नियंत्रक, महालेखा परीक्षक का वित्तीय वर्ष 2016-17 का सामान्य, सामाजिक एवं आर्थिक प्रक्षेत्रों का प्रतिवेदन सदन में पटल पर रखा.
इसके बाद भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का 31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वर्ष का सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों वित्तीय वर्ष 2016-17 का प्रतिवेदन सदन में रखा. इसके अलावा झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के पांच वर्षों का अंकेक्षण रिपोर्ट भी सदन में रखा गयी. सदाचार समिति के सभापति सत्येंद्र नाथ तिवारी ने 13 प्रतिवेदन सदन में रखे.

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