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रांची़ : एसटी सूची से निकालने पर मूल धर्म में लौटेंगे धर्मांतरित आदिवासी: मेघा
रांची़ झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा है कि पूर्व मंत्री देवकुमार धान का यह कहना कि यदि धर्मांतरित आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाना आदिवासियों के लिए विनाशकारी साबित होगा, तो यह गलत है़ देवकुमार धान आगामी चुनाव में ईसाईयों का वोट हासिल करना चाहते है़ं आदिवासियत […]
रांची़ झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा है कि पूर्व मंत्री देवकुमार धान का यह कहना कि यदि धर्मांतरित आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाना आदिवासियों के लिए विनाशकारी साबित होगा, तो यह गलत है़
देवकुमार धान आगामी चुनाव में ईसाईयों का वोट हासिल करना चाहते है़ं आदिवासियत की पहचान सिर्फ भाषा या नाच- गान नहीं, बल्कि उनकी पूजा पद्धति, रीति- रिवाज, उनके सरना- मसना, अखड़ा, धुमकुड़िया और जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कार है़ं यदि धर्मांतरित आदिवासियों को एसटी सूची से बाहर किया जाता है, तो ऐसे लोग पुन: अपने मूल धर्म में वापस आने लगेंगे़
धर्म कोड व दोहरे लाभ के मुद्दे पर लड़ रहे हैं लड़ाई : इधर, केंद्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा है कि पूर्व विधायक देवकुमार धान व डॉ करमा उरांव द्वारा धर्मांतरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ की वकालत, गलत ढंग से पत्थलगड़ी का समर्थन, धर्मांतरण निषेध का विरोध, बच्चा बेचने के मामले में समर्थन और बार- बार सरना- ईसाई भाई-भाई कहना सरना आदिवासियों के लिए खतरनाक संकेत है़ केंद्रीय सरना समिति हमेशा भगवान बिरसा मुंडा व कार्तिक उरांव के बताये मार्ग पर चल कर धर्म कोड और धर्मांतरित आदिवासियों को एसटी का लाभ न देने के मुद्दे पर लड़ाई लड़ रही है़
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