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रांची : शिड्यूल एरिया में नन ट्राइबल और कॉरपोरेट को खनन का हक देना गलत
रांची : संविधान विशेषज्ञ सह लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष कश्यप ने कहा कि शिड्यूल एरिया में नन ट्राइबल व कॉरपोरेट घरानों को अधिकार देना अनुचित है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया है. डॉ कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 1997 में आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ दर्ज […]
रांची : संविधान विशेषज्ञ सह लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष कश्यप ने कहा कि शिड्यूल एरिया में नन ट्राइबल व कॉरपोरेट घरानों को अधिकार देना अनुचित है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया है. डॉ कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 1997 में आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ दर्ज एक मामले में दिये गये आदेश का हवाला दिया.
उन्होंने कहा कि आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि शिड्यूल एरिया में नन ट्राइबल व कॉरपोरेट घरानों को खनन का अधिकार नहीं दिया जा सकता है. अगर इस क्षेत्र में खनन करना है, तो सरकार खुद या फिर ट्राइबल की सोसाइटी बना कर यह काम कर सकती है. अादेश में पेसा के अधिकार को लागू कराने की बात भी कही गयी है.
इसी प्रकार वर्ष 2013 में भी अदालत ने अपने एक आदेश कहा है कि ट्राइबल को खनन का अधिकार दिलाया जाना जरूरी है. डॉ कश्यप ने यह बातें शनिवार को आर्यभट्ट सभागार में भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची पर आयोजित व्याख्यान में कही. डॉ राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान की ओर से आयोजित व्याख्यान में डॉ कश्यप ने उपस्थित लोगों के सवालों के जवाब भी दिया.
भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची पर व्याख्यान
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का डॉ सुभाष ने दिया हवाला
शिड्यूल एरिया में सरकार खुद या फिर ट्राइबल सोसाइटी बना कर खनन कर सकती है
पत्थलगड़ी के नाम पर व्यक्ति की गरिमा, आजादी व राष्ट्र की एकता व अखंडता को ठेस पहुंचाना अनुचित
ट्राइबल की नयी क्लास ही कर रही आदिवासियों का शोषण
इस मौके पर डॉ प्रकाश उरांव ने तमाड़ में सोना का खदान एक कॉरपोरेट घराने को दिये जाने पर सवाल उठाया था. डॉ कश्यप ने संविधान की पांचवीं अनुसूची पर विस्तार से प्रकाश डाला. मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव सत्येंद्र सिंह, कल्याण विभाग की सचिव हिमानी पांडेय, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडेय, श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सत्यनारायण मुंडा समेत विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थी समेत कई लोग मौजूद थे.
झारखंड में भी बनेगा ट्राइबल अफेयर्स डिपार्टमेंट, 15 नवंबर को होगी घोषणा : राज्यपाल
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड में भी ट्राइबल अफेयर्स डिपार्टमेंट बनेगा. इसको लेकर उन्होंने सरकार से बातचीत की थी. झारखंड स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को ट्राइबल अफेयर्स डिपार्टमेंट (जनजातीय मामलों के विभाग) बनाने की घोषणा होगी. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को जितना शिक्षित होना चाहिए था, उतना नहीं है.
यहां के आदिवासी बच्चों में पढ़ने की इच्छा है. इनके बीच से अंधविश्वास को खत्म करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से योजनाएं भी बनायी गयी हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड अनुसूचित क्षेत्र में आता है. राज्य में 32 प्रकार के आदिवासी रहते हैं. 13 जिलों के 118 प्रखंडों में आदिवासी बहुसंख्यक हैं. इनके लिए संविधान में विशेष प्रावधान किये गये हैं, जिसे जानना जरूरी है.
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