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रांची : सरकार ने तेली को सिर्फ वोट बैंक बना कर रखा है : मोर्चा
झारखंड तेली संघर्ष मोर्चा की बैठक में वक्ताओं ने सरकार को कोसा 25 अक्तूबर को दिल्ली के जंतर-मंतर के समक्ष दिया जायेगा धरना सरकार ने मांगें नहीं मानी, तो आगामी चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जायेगा रांची : झारखंड में कहने के लिए तेली समाज का मुख्यमंत्री है, लेकिन आज दक्षिणी छोटानागपुर के तेली […]
झारखंड तेली संघर्ष मोर्चा की बैठक में वक्ताओं ने सरकार को कोसा
25 अक्तूबर को दिल्ली के जंतर-मंतर के समक्ष दिया जायेगा धरना
सरकार ने मांगें नहीं मानी, तो आगामी चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जायेगा
रांची : झारखंड में कहने के लिए तेली समाज का मुख्यमंत्री है, लेकिन आज दक्षिणी छोटानागपुर के तेली समाज के लोग सबसे अधिक उपेक्षित है. जबकि, हमारा समाज अनुसूचित जनजाति की ही तरह सामाजिक व सांस्कृतिक कार्य करता है. इसके बावजूद हमें एसटी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है.
अपनी मांगों के समर्थन में हम 25 अक्तूबर को दिल्ली के जंतर-मंतर के समक्ष एक दिवसीय धरना देंगे. इसके बाद भी हमारी मांगें नहीं मानी गयी, तो आनेवाले लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जायेगा. उक्त बातें सोमवार को झारखंड तेली संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष धर्मदयाल साहू एवं संरक्षक लक्ष्मी नारायण प्रसाद ने होटल गंगा आश्रम में कही.
उन्होंने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी तेली जाति को अपना हक नहीं मिला है. अपने हक व अधिकार को लेकर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने वादा भी किया था कि 15 दिनों के अंदर आपकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक कार्यवाही की जायेगी. लेकिन, ऐसा अब तक नहीं हुआ है. इस कारण रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा एवं गुमला जिला के तेली समाज के बीच आक्रोश है.
वक्ताओं ने कहा कि इन पांच जिलों में राज्यस्तरीय नियुक्ति में आरक्षण शून्य कर दिया गया है. इस कारण इन जिलों के तेली को चपरासी की नौकरी भी नहीं मिल रही है. मौके पर महासचिव विजय साहू व समीर साहू उपस्थित थे.
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