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रांची : प्रधानमंत्री को खून से लिखा पत्र, स्थायीकरण की मांग
23 सितंबर को प्रधानमंत्री के आगमन पर राजभवन के समक्ष देंगे धरना मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं राज्य के पारा शिक्षक रांची : राज्य के पारा शिक्षकों ने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उन्हें अपने खून से पत्र लिख कर बधाई दी एवं छत्तीसगढ के तर्ज पर राज्य […]
23 सितंबर को प्रधानमंत्री के आगमन पर राजभवन के समक्ष देंगे धरना
मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं राज्य के पारा शिक्षक
रांची : राज्य के पारा शिक्षकों ने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उन्हें अपने खून से पत्र लिख कर बधाई दी एवं छत्तीसगढ के तर्ज पर राज्य के 67 हजार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग की. राज्य के सभी जिलों से पारा शिक्षकों ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से स्थायीकरण की मांग की है. राजधानी में मोरहाबादी में एकत्र होकर पारा शिक्षकों ने पत्र लिखा.
मालूम हो कि पारा शिक्षक एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. पारा शिक्षकों ने ई विद्यावाहिनी कार्यक्रम तथा तमाम गैर शैक्षणिक कार्य के विरोध का निर्णय लिया है. आंदोलन के अगले चरण में 22 व 23 सितंबर को प्रधानमंत्री के झारखंड आने पर पारा शिक्षक राजभवन के समक्ष दो दिवसीय धरना देंगे.
इसके साथ ही मोर्चा ने दो अक्तूबर से राज्य के सभी भाजपा विधायक व सांसदों के आवास पर अनिश्चितकालीन घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम की घोषणा की है. इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर पारा शिक्षक आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करेंगे. मोर्चा के हृषिकेश पाठक ने बताया कि सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है. पारा शिक्षकों के वेतनमान व सेवा स्थायीकरण के लिए गठित कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं दी है, जबकि उसके गठन के 140 दिन हो गये हैं. मोर्चा 2008 के बाद नियुक्त पारा शिक्षकों को हटाने के आदेश का भी विरोध कर रहा है.
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