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झारखंड के 19 बाजार समितियों में ई-नैम के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़े का खेल, जानें कैसे

II राजेश कुमार II रांची : झारखंड के 19 बाजार समितियों में ई-नैम के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है. मंडी एनालिस्ट का पता नहीं है, लेकिन बाजार समितियों में ई-ट्रेडिंग हो रही है. खास बात यह है कि बाजार समितियों में बने ऑक्शन हॉल में ताले लगे हैं. कंप्यूटर धूल फांक रहे […]

II राजेश कुमार II
रांची : झारखंड के 19 बाजार समितियों में ई-नैम के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है. मंडी एनालिस्ट का पता नहीं है, लेकिन बाजार समितियों में ई-ट्रेडिंग हो रही है.
खास बात यह है कि बाजार समितियों में बने ऑक्शन हॉल में ताले लगे हैं. कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं. किसी भी बाजार समिति में कोई किसान नहीं आता और न ही किसानों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध हैं. चाैंकाने वाली बात यह है कि इन सबके बावजूद बाजार समितियों में ई-ट्रेडिंग के नाम पर हर दिन फर्जी व्यापार दिखा कर डाटा दिल्ली भेजा जा रहा है.
ऑक्शन हॉल में लगे हैं ताले, धूल फांक रहे कंप्यूटर, इसके बावजूद हर दिन दिल्ली भेजा जा रहा डाटा
ऐसे हो रहा फर्जी व्यापार
समिति के कर्मचारी किसी व्यापारी द्वारा एक दिन पहले किये गये व्यापार की एक पर्ची या विवरणी लेते हैं. उस पर्ची को कर्मचारी अपने मंडी में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को देते हैं. कंप्यूटर ऑपरेटर ई-नैम के पोर्टल पर जाकर उस पर्ची में दिये गये विवरणी को भरता है. फिर तीन या चार काल्पिनक नाम देकर इलेक्ट्रॉनिक नीलामी दिखायी जाती है.
इसके बाद जिस व्यापारी से पर्ची ली गयी है, उससे नीलामी विजेता दिखाया जाता है और ट्रेड की प्रक्रिया की जाती है. इसके बाद सेल एग्रीमेंट कंप्यूटर जेनरेटेड निकाला जाता है. ई-ट्रेडिंग के लिए व्यापारी के पास पासवर्ड होना जरूरी है. बाजार समितियों में व्यापारी के पासवर्ड समिति कर्मचारी के पास है, जिसे वह व्यापारी के नाम पर कंप्यूटर में डालता है.
ई-व्यापार के लिए जरूरी शर्तें
ई-व्यापार के लिए कई जरूरी शर्तें हैं. किसानों का निबंधन, व्यापारी का एकल अनुज्ञप्तिधारी होना, मंडी एनालिस्ट, असेइंग लैब, किसानों के उपज को ढेर करने के लिए चबूतरे, मूल्य निर्धारण के लिए इलेक्ट्रॉनिक नीलामी अनिवार्य शर्त है, लेकिन किसी भी बाजार समिति में यह सुविधा नहीं है.
दबाव में करा रहे काम, सस्पेंड करने की धमकी
बाजार समितियों के कई प्रभारी सचिवों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हम क्या करें. हम पर ट्रेड दिखाने का दबाव हर रोज दिया जाता है. वरना सस्पेंड कर देने की बात बोलते हैं. इसलिए हम फर्जी ट्रेड करने के लिए बाध्य हैं. हाल के दिनों में गढ़वा और खूंटी बाजार समिति के प्रभारी सचिव को सस्पेंड भी कर दिया गया है.
क्या हो रहीं गड़बड़ियां
लाइसेंसी व्यापारी केवल निबंधित किसान का ही अनाज अथवा उत्पाद ले सकता है या खरीद सकता है. बिना नमूना जांच के नीलामी प्रक्रिया नहीं अपनायी जा सकती है. समितियों में एसेइंग लैब भी नहीं है.
काल्पिनक नीलामी दिखा कर ट्रेड का काम दिखाया जा रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि हर दिन एक ही ट्रेड दिखाया जा रहा है. क्या हर दिन मंडियों में एक ही किसान आते हैं. इससे कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है.

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