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मिलिये रांची के नये उपायुक्त राय महिमापत रे से, उनके काम से NITI आयोग भी है प्रभावित

मिथिलेश झा @ रांची झारखंड की राजधानी रांची को नये उपायुक्त मिल गये हैं. बोकारो के उपायुक्त को रांची भेजा गया है. 2011 बैच के युवा आईएएस अधिकारी सोशल मीडिया पर सक्रिय तो हैं ही, एडवेंचर में भी उनकी खासी दिलचस्पी है. हिमालय की चढ़ाई कर चुके हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज और […]

मिथिलेश झा @ रांची

झारखंड की राजधानी रांची को नये उपायुक्त मिल गये हैं. बोकारो के उपायुक्त को रांची भेजा गया है. 2011 बैच के युवा आईएएस अधिकारी सोशल मीडिया पर सक्रिय तो हैं ही, एडवेंचर में भी उनकी खासी दिलचस्पी है. हिमालय की चढ़ाई कर चुके हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से पढ़ाई करने वाले राय महिमापत रे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनके पिता रिटायर्ड आईपीएसऔरमां प्रोफेसर हैं.

शुरुआती दिनों में राय महिमापत रे को लगता था कि एक शिक्षक युवा वर्ग को नयी राह दिखा सकता है. देश के विकास में शिक्षक की भूमिका अहम होती है. इसलिए उन्होंने सोचा कि लेक्चरर बनेंगे. अपने इस उद्देश्य में वह सफल भी हुए. दो साल तक जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी की. बीतते समय के साथ शिक्षक की भूमिका के प्रति उनका आकर्षण कम होता गया. उन्हें ऐसा लगा कि जिस उद्देश्य से वह यहां आये थे, उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही.

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राय महिमापत रे को लगा कि युवा मन को नयी दिशा देने के जिस उद्देश्य से वह शिक्षक बने, उसकी पूर्ति नहीं हो रही. जिस शिक्षक के पेशे को वह सबसे अलग मानते हैं, वह वैसा है नहीं, जैसा वह सोचते थे. उन्होंने अपना लक्ष्य बदला. उन्होंने काफी मंथन किया. इसके बाद उन्हें लगा कि जितना काम अभी वह एक साल में कर सकते हैं, चाहें तो एक महीने में उससे ज्यादा काम कर सकते हैं. उनकी इस सोच ने उन्हें सिविल सर्विस की ओर आकर्षित किया.

देश और समाज में बदलाव लाने के उद्देश्य से उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. रे ने यूपीएससी की परीक्षा दी. इंटरव्यू में उन्हें 300 में से 195 अंक मिले और वह आईएएस अधिकारी बन गये. बोकारो के उपायुक्त राय इससे पहले लातेहार के डिप्टी कमिश्नर थे. डीसी बनने से पहले कई जिलों में एसडीओ और डीडीसी के रूप में अपनी सेवाएं दीं.

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बोकारो डीसी के रूप में महिमापत रे ने कई बेहतरीन का किये. उनके काम की नीति आयोग ने भी तारीफ की है. खासकर, कुपोषण रोकने के लिए शुरू किये गये ‘पोषण’ की. नीति आयोग के सलाहकार अशोक कुमार जैन ने महिमापत रे को इस विशिष्ट एप के बारे में प्रेजेंटेशन देने के लिए दिल्ली बुलाया था. बोकारो डीसी के रूप में राय महिमापत रे की इस सोच को ISM धनबाद के छात्रों ने अंजाम दिया था.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि इस Poshan App की मदद से दिसंबर, 2017 में 260 कुपोषित बच्चों की पहचान हुई थी. बताया जाता है कि ‘Poshan App’ की डाटा एनालिसिस लाजवाब है.

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