इस मामले पर आनेवाले दिनों में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. बैठक में बताया गया कि मेकॉन, सेल, इंडियन ऑयल, कोल इंडिया, सीएमपीडीआइ और अन्य महारत्न कंपनियों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कैबिनेट सचिव से भी 29 मई को मिला था. प्रतिनिधिमंडल ने व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर वेतन संशोधन पर निर्णय लिये जाने का अनुरोध भी किया था.
पर जो अनुशंसा की गयी है, उससे वेतन विसंगति और बढ़ेगी. महासंघ ने कहा है कि वर्तमान दौर में बड़ी कंपनियां प्रतिस्पर्द्धा के दौर से गुजर रही हैं, जहां मानव संसाधन को रीटेन (बरकरार रखने) करने के लिए बेहतर वेतन देना होगा. महासंघ की बैठक में यह भी कहा गया कि कई कंपनियां अपने मुनाफे से ही वेतन बढ़ोतरी का बोझ उठाने को तैयार हैं. इसकी चिंता केंद्र सरकार को नहीं करनी चाहिए. बैठक में एसइएफआइ के अध्यक्ष बख्शी के प्रसाद, सीआइएल ऑफिसर्स एसोसिएशन के एसके जायसवाल, मेकॉन एग्जिक्यूटिव्स एसोसिएशन के विवेक कपिला आदि मौजूद थे.