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Mughal Harem Stories : मुगल हरम के इतिहास को अगर पलटकर देखेंगे, तो वहां चार सबसे अधिक शक्तिशाली महिलाओं का जिक्र आता है, जिनके नाम हैं–नूरजहां, मुमताज महल, जहांआरा और रोशनआरा. इन चारों शक्तिशाली महिलाओं में से अगर सबसे अधिक प्रभावशाली और बहुमुखी प्रतिभा की धनी रानी की बात की जाए, तो वो थीं नूरजहां. नूरजहां ना सिर्फ अपनी सुंदरता की वजह से, बल्कि अपने राजनीतिक कौशल, कला, खेल, स्टाइल और सामाजिक कार्यों की वजह से भी सबसे अधिक पहचानी जाती हैं.
कौन थी नूरजहां?
नूरजहां बादशाह जहांगीर की पत्नी थी. उसकी शादी 25 मई 1611 को जहांगीर से हुई थी. उसके बारे में यह कहा जाता है कि वह बेहद खूबसूरत थी. इतिहासकार किशोरी शरण लाल ने अपनी किताब The Mughal Harem में उनकी बायोग्राॅफी लिखने वाले बेनी प्रसाद के हवाले से बताया है कि वह बहुत सुंदर थी. उसे प्रकृति ने हर खूबसूरती से नवाजा था. वो बेहद चंचल भी थी. मुगलकालीन औरतों की तरह नूरजहां पर्दा नहीं करती थीं, इसलिए कलाकारों ने उसका चेहरा बार-बार देखा और उसके अनुसार उनके चित्र बनाएं. चित्र के अनुसार नूरजहां का चेहरा अंडाकार था. होंठ बहुत पतले और खूबसूरत, ऊंचा माथा और नीली आंखें थे, जो उसके व्यक्तित्व को बहुत ही शानदार बनाते थे.

नूरजहां का असली नाम मेहर-उन-निसा था. उसका जन्म कंधार अफगानिस्तान में हुआ था. उसके पिता मिर्जा गयास बेग मुगलों के मुलाजिम थे. नूरजहां जब 17 साल की थी, तो उसकी शादी एक फारसी मूल के अफसर अली कुली इस्ताजलू उर्फ शेर अफकुन से हो गई थी. इस शादी से नूरजहां को एक बेटी थी, जिसका नाम लाडली बेगम था. 1607 में बंगाल में एक लड़ाई में शेर अफकुन मारा गया. जिसके बाद जहांगीर ने यह आदेश दिया कि उनके परिवार को सम्मानपूर्वक आगरा भेज दिया जाए, क्योंकि आगरा में नूरजहां के पिता मिर्जा गयास बेग (एतिमाद-उद-दौला) महत्वपूर्ण पद पर थे. आगरा पहुंचने पर मेहर-उन-निसा को अकबर की विधवा रूकैया बेगम की महिला-सेविका बनाया गया. इसके बाद ही नूरजहां की हरम में एंट्री हुई.
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क्या नूरजहां के पति को जहांगीर ने मरवाया था?
नूरजहां की पहली शादी फारसी अफसर शेर अफकुन से हुई थी. कई किताबों में ऐसा जिक्र मिलता है कि जहांगीर ने नूरजहां के पति की हत्या करवाई थी, ताकि वह नूरजहां से शादी कर पाए. लेकिन इतिहासकार इस बात से सहमत नहीं हैं. इतिहासकार बेनी प्रसाद कहते हैं कि किसी भी समकालीन फारसी इतिहासकार ने यह कहानी नहीं लिखी है, जहांगीर ने भी जिस तरह शेर अफकुन का जिक्र अपनी किताबों में किया है, उससे ऐसा नहीं लगता है कि उसके मन में उसे लेकर कोई नफरत हो. यूरोपीय यात्रियों ने भी इस तरह का कोई जिक्र नहीं किया है. मुगल हरम में नूरजहां को देखकर जहांगीर उसका दीवाना हो गया था और उसने विवाह का फैसला किया. शादी के समय नूरजहां की उम्र 34 वर्ष की थीं और जहांगीर 42 साल का था.
क्या नूरजहां का दीवाना हो था जहांगीर?
नूरजहां से शादी के बाद जहांगीर ने उसे नूर महल की उपाधि दी थी लेकिन 1616 में उसे नूरजहां यानी दुनिया की रोशनी की उपाधि दे दी गई. जिस वक्त नूरजहां हरम में आई थी, वहां और औरतें भी थीं, लेकिन नूरजहां ने उन सबको दरकिनार करते हुए अपनी जगह बनाई और 1622–23 में पादशाह बेगम यानी साम्राज्य की प्रथम महिला बन गई. जहांगीर के हरम में 300 औरतें थीं, जिनमें उसकी पत्नी, उपत्नी और अन्य औरतें शामिल थीं. चार प्रमुख रानियां थीं, लेकिन नूरजहां ने इन सबको किनारे करते हुए नंबर वन का ताज अपने नाम कर लिया.
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