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Mughal Harem Stories : मुगल हरम का जीवन शानो-शौकत से परिपूर्ण था. हरम में रहने वाली औरतें फिर चाहे वह बादशाह की मां हो, पत्नी, उपपत्नी, रखैल, बहन या उसकी कोई और रिश्तेदार सब की सब एक बेहतरीन जीवन जीती थीं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि उनके जीवन का उद्देश्य ही था राजा को खुशी देना. राजा की खुशी को परिभाषित करना जरा मुश्किल प्रतीत होता है क्योंकि एक ओर तो वो आदर्शों की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर उनके हरम में औरतों की बढ़ती संख्या सोचने पर विवश करती हैं.
खैर आदर्शों को किनारे रखें और यह जानें कि हरम में जीवन कैसा था? हरम में बादशाह सबसे अधिक समय अपनी शारीरिक इच्छा की पूर्ति के लिए गुजारता था. बादशाह की इस खुशी में शराब और शबाब दोनों ही साथी होते थे, हालांकि इस्लाम में शराब की मनाही है, लेकिन मुगल बादशाह इसके आदी थे और नशे में धुत्त रहना उन्हें पसंद भी था. औरंगजेब इस मामले में दूसरे मुगल शासकों से अलग था, वह शराब से दूर रहता था.
क्या मुगल बादशाह और राजकुमार शराब के आदी थे?
मुगल हरम के निर्माण के पीछे का मकसद था बादशाह का मजे लेना. वह खुद को आनंदित करने के लिए नृत्य, औरतों और नशे का सहारा लेते थे. इतिहासकार किशोरी शरण लाल अपनी किताब The Mughal Harem में लिखते हैं कि मुगल काल में सिर्फ बादशाह ही नहीं सभी अमीर बहुत ज्यादा शराब पीते थे. मुगल बादशाह और राजकुमार सिर्फ शराब ही नहीं पीते थे वे अफीम के भी आदी थे. किशोरी शरण लाल लिखते हैं कि बाबर शराब पीता था और अफीम से बनी दवा माजून लेता था. बाबर ने अपनी शराब पार्टियों के बारे में खुलकर बात की है, लेकिन उसने औरतों के साथ रात की दावतों या शराब पार्टी का कोई जिक्र नहीं किया है. हुमायूं को नशे की लत इस कदर लग गई थी कि उसकी शारीरिक शक्ति खत्म हो गई थी और वह औरतों से दूर भागता था. मुगल बादशाह तंबाकू का भी खूब सेवन करते थे और ऐसा जिक्र मिलता है कि असद बेग दक्कन (1605) से तंबाकू की बड़ी सप्लाई लाया था.
क्या बादशाह अकबर भी शराब के शौकीन थे?

अकबर को मुगलों का सबसे महान शासक माना जाता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि उसने मुगल साम्राज्य को मजबूत बनाने और उसके विस्तार में अहम भूमिका निभाई. उसने कला-संस्कृति का भी काफी विकास किया, लेकिन अगर शराब की लत की बात करें, तो अपने पिता और दादा की तरह ही नशे का आदी था. अकबर के बारे में किशोरी शरण लाल लिखते हैं कि वह बहुत ज्यादा शराब पीता था. शराब के साथ ही वह अफीम की डोज भी बहुत ज्यादा लेता था. वह अफीम की नशीली चीज डाक खाता था. वह तंबाकू का भी शौकीन था. अकबर के दो बेटों दानियल और मुराद की मौत अत्यधिक शराब के सेवन की वजह से जवानी में ही हो गई थी.
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क्या कॉकटेल का शौकीन था जहांगीर?
ग्रेट अकबर के बेटे और नूरजहां और अनारकली जैसी महिलाओं से इश्क करने वाले बादशाह जहांगीर के बारे में किशोरी शरण लाल लिखते हैं कि वो कॉकटेल का आदी था. हालांकि अकबर ने तंबाकू पर रोक लगवाया क्योंकि उसे पता था कि इससे बहुत अधिक नुकसान होगा. जहांगीर ने भांग की बिक्री पर भी रोक लगाई थी, लेकिन शराब उसकी कमजोरी थी. विदेशी शराब, चाहे शिराजी हो या कैनरी, बहुत महंगी थी. पोर्ट के जरिए विदेशी शराब भारत आती थी, जिसमें छियालीस दिनों का समय लगता था. सरकारी पाबंदियों और ज्यादा कीमत की वजह से दिल्ली की दुकानों में इसकी खुली बिक्री पर रोक थी. लेकिन राजघरानों और अमीर लोगों की यह पहली पसंद थी. वे खुलेआम विदेशी वाइन और शराब पीते थे, लेकिन ज्यादा मात्रा में अराक पीना पसंद करते थे. इसे हर अमीर आदमी के घर में देसी अंगूर या बिना रिफाइंड चीनी से बनाया जाता था. यह ज़्यादा पॉपुलर था क्योंकि यह नशीला होता था. विलियम हॉकिन्स और सर थॉमस रो जो जहांगीर के काल में भारत आए थे, उन्होंने लिखा है कि क बार, जब जहांगीर काबुल में थे, तो उन्होंने चट्टान में दो गोल बेसिन बनवाए थे, जिनमें से हर एक में दो मन लिक्विड आ सकता था. उन्होंने उसमें शराब भरवाई और वहां मौजूद लोगों को इसे पीने का आदेश दिया.
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