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पलामू में रेलवे की जमीन पर चल रहे लकड़ी टाल 31 दिसंबर तक होंगे खाली, जानें पूरा मामला

जानकारी के अनुसार करीब एक दर्जन टाल वाले रेलवे की जमीन पर व्यापार कर रहे हैं. जिसमें करीब चार करोड़ रुपये किराया के रूप में बकाया है. जबकि 12 लोगों में तीन लोगों ने किराया का भुगतान कर दिया है.

मेदिनीनगर : पलामू में रेलवे की जमीन पर चल रहे लकड़ी टाल 31 दिसंबर तक खाली करने का आदेश दिया गया है. जानकारी के अनुसार सोमवार को सदर सीओ को मजिस्ट्रेट के रूप में लकड़ी टाल खाली कराने के लिए तैनात किया गया था. इस संबंध में रेलवे द्वारा डीसी को पत्र देकर रेलवे की जमीन पर चल रहे लकड़ी के टाल को खाली करने के लिए मजिस्ट्रेट की मांग की गयी थी. मजिस्ट्रेट के साथ लकड़ी के टाल को हटाने के लिए आरपीएफ व रेलवे अधिकारी भी गये थे. इसी बीच लकड़ी टाल के संचालकों ने 31 दिसंबर तक जमीन खाली करने की मोहलत मांगी. वहीं रेलवे का लाखों रुपया लकड़ी टाल संचालकों के पास किराया के रूप में बकाया है.

जानकारी के अनुसार करीब एक दर्जन टाल वाले रेलवे की जमीन पर व्यापार कर रहे हैं. जिसमें करीब चार करोड़ रुपये किराया के रूप में बकाया है. जबकि 12 लोगों में तीन लोगों ने किराया का भुगतान कर दिया है. लकड़ी टाल के संचालकों से एक साल का डेढ़ लाख रुपया किराया निर्धारित किया है. वहीं सदर सीओ अमरजीत बलहोत्रा का कहना है कि लकड़ी टाल वालों ने लिखित दिया है कि 31 दिसंबर तक जमीन खाली कर दिया जायेगी. एक-दो दिनों के अंदर रेलवे की जमीन की मापी करायी जायेगी.

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जिसमें यह पता चल पायेगा कि रेलवे की कितनी जमीन पर टाल है और कितनी जमीन रैयती है. टाल चलाने वाले कुछ लोगों का कहना है कि कुछ जमीन रैयती भी है. इसी को लेकर अंचल अधिकारी द्वारा मापी करायी जायेगी. रेलवे की मांग पर तय किया गया कि रेलवे लाइन के समीप डिपो यथाशीघ्र खाली कर उस पार रखी गयी लकड़ियों को रोड के पूर्व तरफ रखा जाये. ताकि रेलवे का कोई भी विकास कार्य बाधित न हो. इस पर टाल के सभी सदस्य तैयार हो गये.

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