मेदिनीनगर. झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व एकेडमिक ब्लॉक भवन निर्माण में अनियमितता को लेकर राज्यपाल से मिल कर पत्र सौंपा था. राज्यपाल के निर्देश पर राजभवन ने तीन सदस्य कमेटी बना कर इसकी जांच करायी गयी. टीम ने स्थलीय जांच कर शिकायत को सही पाया. वित्त मंत्री श्री किशोर रविवार को मेदिनीनगर के नयी मोहल्ला स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं बनाया गया. शौचालय की साफ-सफाई की व्यवस्था भी सही नहीं थी. प्राक्कलन के अनुसार भवन में दरवाजा व चौखट नहीं लगाया गया. पानी का स्रोत नहीं होने का बाद भी भवन का निर्माण कराया गया. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम की देखरेख में संवेदक मेसर्स जेके एंड छाबड़ा के द्वारा विश्वविद्यालय भवन निर्माण का कार्य को कराया गया है. आठ जुलाई 2018 को झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम ने संवेदक के साथ एकरारनामा किया था. एकरारनामा के शर्त के अनुसार आठ जुलाई 2020 तक कार्य पूरा करना था. लेकिन वर्ष 2025 जनवरी में विश्वविद्यालय द्वारा टेकओवर किया गया. मंत्री ने कहा कि इसकी प्राक्कलन राशि 104 करोड़ है. लेकिन एकरारनामा 116 करोड़ पर किया गया है. उन्होंने कहा कि दो बार रिवाइज कर प्राक्कलित राशि 147 करोड़ हो गया. इसके बाद भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. मंत्री श्री किशोर ने कहा कि विश्वविद्यालय के नये भवन में कई कमियां होने के बावजूद रजिस्ट्रार व सीसीडीसी ने भवन को टेकओवर ले लिया. उन्होंने कहा कि संवेदक द्वारा भवन निर्माण का कार्य पूरा नहीं किया गया था, तो टेकओवर लेने की जल्दबाजी क्या थी. उन्होंने कहा कि यह नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय की संपत्ति है, लेकिन जिस तरह से प्राक्कलन की राशि से अधिक एकारनामा व रिवाइज की किया गया है. इसके लिए केंद्र स्तर से इसकी जांच कराने की मांग की जायेगी. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कि राजभवन ने रजिस्ट्रार व सीसीडीसी से स्पष्टीकरण पूछा है. प्रभारी वीसी सह प्रमंडलीय आयुक्त सेवानिवृत्ति के समय टेकओवर लेने की स्वीकृति दी, यह समझ से परे है. मंत्री ने कहा कि वे पुनः राज्यपाल से मिल कर पत्र सौंपेंगे व विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, सीसीडीसी व कार्यकारी एजेंसी के खिलाफ अविलंब कार्रवाई के लिए मांग करेंगे. साथ ही जांच होने तक भुगतान पर रोक लगाने की मांग करेंगे. मंत्री ने कहा कि राजभवन की जांच टीम में विशेष कार्य पदाधिकारी न्यायिक मुकलेश चंद्र नारायण, अपर सचिव एके सत्यजीत व भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता महेंद्र राम शामिल थे. जांच के दौरान कई तरह की कमियां पायी है.
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