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बेटा बन कर सिद्धि के नाम पर ठगा, गिरफ्तार

मामले का खुलासा होने पर ग्रामीणों ने पकड़ कर पिटाई की. पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर जानकारी ली मेदिनीनगर :पड़वा के मान आहर गांव के रामप्यारी विश्वकर्मा काफी खुश था. रामप्यारी का एक बेटा संजय कुमार विश्वकर्मा बचपन में ही लापता हो गया था. अचानक एक दिन साधु का वेशधर कर एक व्यक्ति […]

मामले का खुलासा होने पर ग्रामीणों ने पकड़ कर पिटाई की.

पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर जानकारी ली
मेदिनीनगर :पड़वा के मान आहर गांव के रामप्यारी विश्वकर्मा काफी खुश था. रामप्यारी का एक बेटा संजय कुमार विश्वकर्मा बचपन में ही लापता हो गया था. अचानक एक दिन साधु का वेशधर कर एक व्यक्ति पहुंचा और खुद को रामप्यारी का भूला हुआ बेटा बताया. उसकी बात पर यकीन कर रामप्यारी ने अपने घर में जगह दे दी. बात पर विश्वास भी करने लगी. उसने मां से कहा कि सिद्धि प्राप्त करना है. इसलिए घर से कुछ समान ले जाना जरूरी है.
इस पर रामप्यारी विश्वकर्मा व उसकी पत्नी ने नकद, जेवरात सहित 35 हजार की संपत्ति दे दी. इसके बाद साधु का वेश धर आया व्यक्ति कुछ दिन के लिए चला गया. पुन: चार दिन पहले अपने एक मित्र को लेकर मानआहर गांव आ गया. इस मामले को लेकर बुधवार को जो खुलासा हुआ, उससे रामप्यारी के होश उड़ गये. उसका कहना था कि ईश्वर की कृपा थी कि वह बच गयी. अन्यथा वह इस ठग के चक्कर में अपनी जान भी दे देती. दरअसल इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब अपने मां-बाप के दिल में एक अजनबी के प्रति उमड़ते प्रेम को देखकर रामप्यारी का दूसरा बेटा जितेंद्र विश्वकर्मा सच्चाई को जानने के लिए उत्तर प्रदेश के कई मठों में गया. लेकिन वहां उनलोगों के बारे में कुछ भी पता नहीं चला.
जितेंद्र को यह पूरा यकीन हो गया कि दोनों ठग है. क्योंकि इस बार दोबारा जब लौटकर आये, तो एक लाख रुपये की मांग की थी. रामप्यारी विश्वकर्मा उसके जुगाड़ में लगा था.बताया जाता है कि सुबह वे लोग दोनों घर से निकल जाते थे और रात कहीं दूसरे गांव में गुजारते थे. बुधवार को जितेंद्र ने दोनों को फोनकर घर बुलाया. उसके बाद जब लोगों ने घेरकर सच्चाई जाननी चाहा, तो दोनों ने अपना सच बता दिया. इसी बीच लोगों ने मारपीट शुरू कर दी. पुलिस को सूचना मिली. तत्काल थाना प्रभारी मनोज कुमार तिवारी गांव पहुंचे. उस दौरान ग्रामीण घेरकर दोनों को पीट रहे थे. थाना प्रभारी ने रोका. लोगों का कहना है कि यदि पुलिस सक्रिय नही होती तो मॉब लिंचिंग की घटना हो सकती थी.
इस संबंध में थाना प्रभारी श्री तिवारी ने बताया कि जो साधु रामप्यारी विश्वकर्मा का बेटा बनकर रह रहा था, वह दरअसल उतर प्रदेश के सुलतानपुर जिला के चांदा थाना क्षेत्र के प्यारीपुर गांव के रमजान अली और प्रतापगढ़ जिला के पटी थाना क्षेत्र के नेवादा के शमशेर अली हैं. ठगी मामले में दोनों को जेल भेज दिया गया है.

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