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महेशपुर मवेशी हाट में सुविधाओं का अभाव, परिसर में पसरी है गंदगी

महेशपुर : प्रखंड मुख्यालय महेशपुर के समीप लगने वाले साप्ताहिक हाट में नागरिक सुविधा व मवेशियों के लिए शेड का घोर अभाव है. प्रतिवर्ष लाखों रुपये राजस्व देने वाले इस हाट परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिससे यहां व्यापार करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खास कर […]

महेशपुर : प्रखंड मुख्यालय महेशपुर के समीप लगने वाले साप्ताहिक हाट में नागरिक सुविधा व मवेशियों के लिए शेड का घोर अभाव है. प्रतिवर्ष लाखों रुपये राजस्व देने वाले इस हाट परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिससे यहां व्यापार करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
खास कर बरसात के दिनों में तो हाट परिसर की स्थिति बदतर हो जाती है. हाट में प्रखंड क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों से भी लोग पहुंच कर अपने रोजमर्रा की जरुरत अनुसार वस्तुओं की खरीद-बिक्री करते हैं. परंतु सुविधाओं के अभाव में इस हाट की लोकप्रियता कम होती जा रही है.
पेयजल सुविधा का है घोर अभाव
हाट परिसर में पेयजल की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. हाट परिसर में मात्र दो चापानल लगा है. चूंकि हाट के दिन काफी भीड़ रहती है अत: लोगों को पेयजल के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है.
दूर-दूर से पहुंचते हैं लोग : महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के समीप खास कर शनिवार को लगने वाले मवेशी हाट में भारी संख्या में मवेशियों के खरीद-बिक्री होती है. मवेशियों की खरीद बिक्री के लिए अंतरराज्यीय स्तर पर भी व्यापारी यहां पहुंचते हैं. जानकारी के मुताबिक हाट के दिन व्यापारी पश्चिम बंगाल, दुमका, मोहनपुर, हिरणपुर, साहिबगंज जिला के बरहरवा, उधवा, पतना, बरहेट आदि जगहों से व्यापारी पहुंचते हैं.
आठ लाख रुपये राजस्व की होती थी वसूली
उपरोक्त हाट से बाजार समिति को प्रत्येक वर्ष कुल आठ लाख रुपये राजस्व की वसूली होती थी. प्रति वर्ष बाजार समिति द्वारा हाट की निलामी करायी जाती थी. आश्चर्य की बात यह है कि उपरोक्त हाट से प्रत्येक साल इतने राजस्व की वसूली के बाद भी न तो विभाग द्वारा हाट परिसर में कोई सुविधा मुहैया करायी गयी और न ही जिला प्रशासन या किसी जन प्रतिनिधि के द्वारा ही उपरोक्त हाट परिसर का सुधि ही ली गयी.
मवेशियों के लिए नहीं बना शेड
इस हाट परिसर में पशुओं के लिए न तो कोई शेड है और न ही चारे-पानी की व्यवस्था. जिससे पशुओं को भूखे-प्यासे,धूप हो या बरसात खुले आसमान के नीचे खड़ा रहना पड़ता है. जिससे व्यापारियों को भी काफी परेशानी होती है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
पाकुड़ एसडीओ विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा कि वर्तमान समय में सरकार ने हाट से की जाने वाली राजस्व वसूली कार्य को बंद करा दिया है. हाट में अब व्यापारियों को किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ रहा है. इससे पूर्व बाजार समिति के माध्यम से हाट परिसर की साफ-सफाई व अन्य सुविधा बहाल कराया जाता था.

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