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वन विभाग की जमीन पर चल रहा क्रशर

हर रोज होता है करोड़ों का खेल पाकुड़ : मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत कसीला गांव में वन विभाग के जमीन पर क्रशर लगाये जाने मामले में वन विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद भी विभाग द्वारा कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है. आश्चर्य तो यह है कि जिस विभाग […]

हर रोज होता है करोड़ों का खेल
पाकुड़ : मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत कसीला गांव में वन विभाग के जमीन पर क्रशर लगाये जाने मामले में वन विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद भी विभाग द्वारा कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है.
आश्चर्य तो यह है कि जिस विभाग में उपरोक्त मामले को लेकर एफआइआर दर्ज करने की सारी प्रक्रिया पूरीकी जा चुकी है. उसके आला अधिकारी इस मामले की पूरी जानकारी रखने में अनभिज्ञता जता रहे हैं.
क्या है मामला : विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त थाना क्षेत्र के कसीला गांव में वन विभाग के जमीन पर पाकुड़ सदर प्रखंड के शहरकोल पंचायत में पदस्थापित भीएलडब्ल्यू नारद मंडल द्वारा क्रशर लगा कर पत्थर तोड़ने का काम किया जा रहा है.
इसकी सूचना मिलने पर वनपाल शिवचरण दास द्वारा अपने पत्रंक 24/दिनांक 23.04.2015 को भारतीय वन अधिनियम 1927(बिहार संशोधन 1989) की धारा 33(सी) 52 एवं 63 (सी) 66 (ए) बिहार धन उपज व्यापार विनिमय अधिनियम 1984 के तहत मामला दर्ज करते हुए न्यायिक मुख्य दंडाधिकारी को भेजा गया है. साथ ही वनपाल शिवचरण दास द्वारा उपरोक्त मामले की जानकारी प्रमंडल वन पदाधिकारी को भी दी गई है.
मामले को लेकर वन पाल श्री दास द्वारा वन क्षेत्र में संचालित क्रशर को लेकर नक्शा तैयार कर विभाग व संबंधित पदाधिकारी को भी सुपुर्द किया है.
कौन-कौन सा सामान हुआ जब्त
वनपाल शिवचरण दास ने एफआइआर के दौरान तैयार की गई जब्ती सूची में एक अदद लोहा का घन,3 अदद चतरा धामा के अलावे अन्य शामिल है.
एफआइआर के बाद भी धड़ल्ले से चल रहा है क्रशर
वन विभाग के वनपाल द्वारा उपरोक्त मामले को लेकर एफआइआर किये जाने के बाद भी उसी स्थल पर क्रशर का संचालन किया जा रहा है. आश्चर्य तो यह है कि जब्ती सूची के नाम पर महज एक अदद लोहा का घन व तीन अदद चदरा का धामा जब्त कर मामले में विभाग द्वारा केवल खानापूर्ति की जा रही है. सवाल यह उठता है कि यदि वास्तव में उपरोक्त क्रशर वन विभाग के जमीन पर ही स्थित है तो किस परिस्थिति में बेरोक-टोक अब भी उसी स्थान पर क्रशर का संचालन किया जा रहा है.
सबसे आश्चर्य की बात है कि विभाग द्वारा अब तक कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई है. इधर इस मामलेको लेकर भीएलडब्ल्यू नारद मंडल के मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु फोन रिसीव नहीं किये जाने के कारण उनका पक्ष नहीं रखा जा रहा है. वहीं वन विभाग के रेंजर किशोर कुमार से संपर्क करने पर उन्होंने मामले को लेकर टालमटोल की स्थिति अपनाते हुए बाद में इस मुद्दे पर बात किये जाने की बात कही.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
डीएफओ नागेंद्र बैठा से उपरोक्त मामले में संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि वन विभाग के जमीन पर क्रशर चलाये जाने संबंधी मामले की जानकारी उन्हें मिली है.मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी.

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