कुड़ू़ केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना जन सेवा केंद्र कुड़ू प्रखंड में दम तोड़ती नजर आ रही है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आज तक इन केंद्रों को पंचायत सचिवालय भवनों में शिफ्ट नहीं किया गया है. यह न सिर्फ सरकारी आदेशों की अवहेलना है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी बड़ा उदाहरण है. जन सेवा केंद्रों की शुरुआत इस उद्देश्य से हुई थी कि ग्रामीणों को जाति, आवासीय, आय प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, रेलवे टिकट, फसल बीमा, जमीन संबंधित दस्तावेज, टेली मेडिसिन, पासपोर्ट, ऑनलाइन प्रशिक्षण जैसी सेवाएं पंचायत स्तर पर ही मिल सकें. लेकिन कुड़ू प्रखंड के 14 पंचायतों में खोले गये प्रज्ञा केंद्र आज पंचायत भवनों से दूर निजी या किराये के मकानों में संचालित हो रहे हैं. यहां तक कि कुछ संचालक इन्हें प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पास ही चला रहे हैं ताकि आमदनी बढ़ाई जा सके. प्रज्ञा केंद्रों के लिए पंचायत सचिवालय में कमरे आवंटित किये गये थे और संचालन की अनुमति इसी शर्त पर दी गयी थी कि सेवा पंचायत स्तर पर ही दी जाये. लेकिन संचालक नियमों की खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं. प्रभात खबर की पड़ताल में पाया गया कि कई पंचायत सचिवालय में प्रज्ञा केंद्र नहीं चल रहे हैं. ग्रामीणों को प्रमाणपत्र बनवाने और अन्य कामों के लिए बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इस संबंध मं कई मुखिया ने बताया कि कई बार शिकायत के बावजूद प्रखंड और जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. अधिकारी भी इस मुद्दे पर कुछ बोलने से बच रहे हैं. इस स्थिति ने सरकार की ग्रामीण सेवाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने की मंशा पर सवाल खड़े कर दिये हैं. इस संबंध में प्रखंड सह अंचल कार्यालय का कोई भी अधिकारी व कर्मी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
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