लोहरदगा. प्रांतीय आर्य वीरदल व गुरुकुल शांति आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में युवा चरित्र निर्माण शिविर के चतुर्थ दिवस पर 11 कुण्डीय विश्व शांति महा यज्ञ का आयोजन किया गया. इस यज्ञ के ब्रह्म आचार्य गणेश शास्त्री के ब्रह्मत्व में यज्ञ का आयोजन किया गया. श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शास्त्री जी ने कहा सनातन वैदिक संस्कृति को जीवन शैली में उतारने की जरूरत है. हमारा जीवन मर्यादित होना चाहिए. आहार बिहार को अपना जीवन का हिस्सा बनना चाहिए. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारे संस्कृति के स्तंभ है. इस आयोजन में बबलू जी अम्मा भगवान सेवा संस्थान का विषेश योगदान रहा है. बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुए शंकर गुप्ता ने कहा कि आर्य वीरों को मोबाइल से कोई नया चीज़ सीखने की जरूरत है. आज का युवा मोबाइल में समय बर्बाद कर रहे हैं. इससे बचने की जरूरत है. दीपक सर्राफ ने कहा कि हमें अपने संकल्प को सिद्ध करने के लिए अनुशासित रहना है. अनुशासन ही हमारे जीवन को सशक्त बनाता है. कृपाशंकर सिंह ने कहा कि हमें गुरुकुल में रहकर के गुरुकुली दिनचर्या को अपनाने की जरूरत है. संयम और सदाचार हमारे जीवन का हिस्सा होना चाहिए. हमें अपने जीवन में ईमानदारी को विशेष स्थान देने की जरूरत है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि आर्य वीरों को सरदार पटेल की जीवनी को और वीरों को जानने की जरूरत है.
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