लोहरदगा : लोकसभा चुनाव का मतदान समाप्त होने के बाद अब क्षेत्र में शांति छाई हुई है. राजनीतिक दल के लोग चुनाव की खुमारी उतारने में लगे हैं. वहीं उम्मीदवार जीत हार के जोड़ घटाव में जुटे हैं. लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस की बीच है और दोनों ही दल के उम्मीदवार अपनी जीत को सुनिश्चित बता रहे हैं.
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जीत हार की चर्चा के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं उम्मीदवार
लोहरदगा : लोकसभा चुनाव का मतदान समाप्त होने के बाद अब क्षेत्र में शांति छाई हुई है. राजनीतिक दल के लोग चुनाव की खुमारी उतारने में लगे हैं. वहीं उम्मीदवार जीत हार के जोड़ घटाव में जुटे हैं. लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस की बीच है और दोनों ही […]
भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सह केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत लोगों से मिल रहे है और जमकर मिठाइयां खा रहे हैं. श्री भगत को लोग बधाइयां दे रहे हैं. जिसे श्री भगत मुस्कुराकर स्वीकार कर रहे हैं. वहीं भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी के लोगों का कहना है कि उन लोगों ने जमीनी स्तर पर काम किया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुखदेव ने दावा कि वे बड़ी मार्जिन से लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत रहे हैं.
श्री भगत ने कहा कि पूरा इलाका सुदर्शन भगत के खिलाफ था और जनता ने इस बार भाजपा को नकार दिया है. कांग्रेस पार्टी को लोगों ने जमकर वोट दिया है. विधायक सुखदेव भगत के आवास में कार्यकर्ताओं का आना जाना बदस्तूर जारी है. सभी लोग अपने साथ वोटों का हिसाब किताब लेकर पहुंच रहे हैं और बता रहे है कि किस बूथ से उन्हें कितनी लीड मिल रही है. वोट के दौरान किसने धोखाधड़ी की और कौन साथ रहकर दगाबाजी की. इस पर भी चर्चा हो रही है.
हलांकि कांग्रेस के चुनावी चक्रव्यूह में सुखदेव भगत अकेले फंसे रहें. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ कहे जाने वाले लोगों ने उन्हें साथ नहीं दिया. भाई भतीजावाद का बहाना बना कर गायब हो गये. कुछ लोग मीडिया में रांची से दावा कर रहे थे कि लोहरदगा, चतरा और हजारीबाग में कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित है. ऐसे लोगों ने एक दिन भी लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में आ कर चुनाव प्रचार या बैठक नहीं की. इसके बावजूद सुखदेव भगत ने पूरे हौसले के साथ चुनाव लड़ा.
परिणाम क्या होगा, ये तो 23 मई को ही स्पष्ट होगा. वैसे लोहरदगा के चौक चौराहों से लेकर चाय पान की दुकानों में सिर्फ और सिर्फ जीत हार के ही चर्चे हो रहे हैं. वहीं दोनों उम्मीदवारो की नींद और चैन गायब है. लोगों के बीच रहकर इस तनाव को कम करने का प्रयास कर रहे हैं.
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