सदर प्रखंड के नावागढ़ पंचायत में मनरेगा से संचालित ईसीबी योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है
तसवीर-5 लेट- 1 2 व 3 जानकारी देते लाभूक
लातेहार. सदर प्रखंड के नावागढ़ पंचायत में मनरेगा से संचालित ईसीबी योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है. नावागढ़ पंचायत में बिचौलिये और मनरेगा कर्मियों की मिली भगत से कई योजना की राशि निकाल ली गयी है. इसमें किसी लाभुक को इसकी जानकारी नहीं है. वहीं जमीनी हकीकत यह है कि धरातल पर योजना भी नहीं है. नावागढ़ पंचायत के बरैनी, दुब्याही, नावागढ़ गांव में ईसीबी योजना योजना संचालित है. लाभुक महेंद्र सिंह के नाम से इसीबी योजना स्वीकृत कराकर 27144 रुपये निकाल लिया गया है. तरबीन उरांव केरल में मजदूरी करने गया है. उसको भी लाभुक बनाकर बिचौलियों ने 23120 रुपया निकाल लिया. दुब्याही के बच्चनदेव देव सिंह और उनकी पत्नी सुशीला देवी के नाम पर 21216 और 13056 बिना काम कराये ही राशि की निकासी कर ली गयी है. जबकि सुशीला देवी को इसकी कोई जानकारी नहीं है. दुब्याही के लाभुक कुलदीप सिंह के नाम पर भी बिचौलियों ने 28847 रुपया निकाल लिया है. कुलदीप के पिता बालेश्वर सिंह ने बताया कि इसीबी का काम दो साल पहले हुआ था. अभी कोई काम नहीं हुआ है और कितना रुपया किसने निकाला है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. भीखो देवी की योजना से 14688, अशोक उरांव के योजना से 22848 और उनके छोटे भाई छोटन उरांव के योजना से 21216 रुपया निकाल लिया गया है. छोटन उरांव ने बताया कि हमको कोई जानकारी नहीं है. भइया सब काम देखते हैं. जबकि अशोक ने बताया कि सारा काम हम लोग तेतरियाटांड़ में किये हैं. जो पुरानी योजना है. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक लोगो ने बताया कि उन्हें इसीबी योजना की जानकारी नहीं है.
क्या कहते है मुखिया
इस संबंध मे मुखिया परवेश उरांव ने कहा कि कुछ लाभुक का रुपया निकाले जाने की जानकारी है. लेकिन कई जगह काम भी हुआ है.
क्या कहते है अधकारी:
इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि मनरेगा योजना में अनियमितता बर्दाश्त नही की जायेगी. पूरी मामले की जांच करा कर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.
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