लातेहार ़ जिले में इस वर्ष धान की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन लैंपस के माध्यम से सरकारी धान खरीदारी अब तक शुरू नहीं होने से किसान गंभीर संकट में हैं. मजबूरन उन्हें अपना धान बिचौलियों के हाथों 1650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचना पड़ रहा है. जबकि पिछले वर्ष सरकार ने 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की थी. ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल करीब 750 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसान संतोष यादव, जितेंद्र पाठक, प्रसाद यादव, लालमोहन यादव समेत अन्य किसानों ने बताया कि सरकारी खरीदारी समय पर शुरू न होने के कारण उन्हें अपना धान सस्ते दामों में बेचना पड़ रहा है. धान कटनी के बाद गेहूं की फसल लगाने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है, इसलिए मजबूरी में व्यापारियों को कम कीमत पर धान बेचना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि यदि लैंपस समय पर खुल जाता, तो इस नुकसान से बचा जा सकता था. 26 धान क्रय केंद्र खुलने की तैयारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्रवण राम ने बताया कि जिले में 15 दिसंबर से सरकारी धान खरीदारी शुरू होने की संभावना है. हालांकि राज्य सरकार की ओर से खरीदारी संबंधी संकल्प अभी जारी नहीं हुआ है. जिला सहकारिता विभाग की ओर से 26 लैंपस केंद्रों की सूची उपलब्ध करा दी गयी है और सभी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं. उन्होंने बताया कि इस बार राज्य सरकार ने किसानों को एकमुश्त भुगतान देने की योजना लागू की है, जिसके तहत धान बिक्री के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के खाते में भेज दी जायेगी. किसानों को उम्मीद है कि 15 दिसंबर से खरीदारी शुरू होने पर उन्हें उचित मूल्य मिलेगा और वर्तमान नुकसान से राहत मिलेगी.
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