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बड़ा विकास 72 घंटे की पुलिस रिमांड पर

एसीजेएम पीयूष श्रीवास्तव की अदालत ने रिमांड की अरजी स्वीकार की अदालत ने मेडिकल जांच करा कर ले जाने तथा वापस लाने का निर्देश दिया सुनील कुमार लातेहार : भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी की सदस्य बालकेश्वर उरांव उर्फ विनय जी उर्फ बड़ा विकास को पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पीयूष श्रीवास्तव की अदालत में […]

एसीजेएम पीयूष श्रीवास्तव की अदालत ने रिमांड की अरजी स्वीकार की
अदालत ने मेडिकल जांच करा कर ले जाने तथा वापस लाने का निर्देश दिया
सुनील कुमार
लातेहार : भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी की सदस्य बालकेश्वर उरांव उर्फ विनय जी उर्फ बड़ा विकास को पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पीयूष श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया. अदालत में एपीपी अशोक कुमार दास ने उसे मनिका थाना कांड संख्या 40/13 में मुख्य अभियुक्त बताते हुए जेल भेजने का अनुरोध किया. अभियोजन पदाधिकारी श्री दास की अरजी को अदालत ने स्वीकार करते हुए जेल भेजने के लिए कस्टडी वारंट जारी होते ही अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी ने अदालत में उपस्थित हो कर बड़ा विकास को रिमांड पर देने की अरजी दाखिल की.
श्री श्रीवास्तव की अदालत ने अनुसंधानकर्ता की अरजी स्वीकार करते हुए शुक्रवार की शाम साढ़े पांच बजे से 72 घंटे की रिमांड स्वीकार की. अदालत ने अनुसंधानकर्ता को रिमांड में लेने के पूर्व आरोपी की मेडिकल जांच कराने तथा रिमांड अवधि पूरा होने के पहले मेडिकल जांच करा कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. अदालत ने बगैर मेडिकल जांच कराये जेल भेजने की प्रार्थना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि भविष्य में अनुसंधानकर्ता कानूनी प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन करें अन्यथा रिमांड अस्वीकृत की जा सकती है.
बड़ा विकास के अदालत में प्रस्तुति की खबर पर अदालत में भारी भीड़ थी. वहां चप्पे चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त थी. बड़ा विकास को टवेरा कार से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में लाया गया था. अदालत द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने अपनी उम्र 38 वर्ष तथा घर मनिका थाना के डोंकी ग्राम बताया.बड़ा विकास पर लातेहार जिले के विभिन्न थानों में कुल 37 मुकदमा दर्ज है. जिसमें कई पर उसे फरार बताते हुए आरोप पत्र दायर किया जा चुका है. बड़ा विकास पर सरकार ने कुल 25 लाख रुपये का इनाम रखा था.
लातेहार पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे के प्रयास से बड़ा विकास सरकार की सरेंडर पालिसी से प्रभावित हुआ और आत्मसमपर्ण का निर्णय लिया. अदालत से जेल भेजे जाते समय बड़ा विकास ने प्रभात खबर को बताया कि जिस उद्देश्य से उन्होंने भाकपा माओवादी संगठन में शामिल होने का निर्णय लिया था. अब वैसी बात संगठन में नहीं रह गयी है. उन्होंने कहा कि सिर्फ लेवी वसूलना और जनता को गुमराह करना ही माओवादियों का काम शेष रह गया है. इसलिए उन्होंने मुख्य धारा में शामिल होने का निर्णय लिया है. वापस आ कर उसे सुकून मिल रहा है तथा उसका कानून पर भरोसा बढ़ा है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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