कोडरमा बाजार. राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के निमित सिविल सर्जन सभागार में माइक्रोफाइलेरिया के प्रसार दर की जांच को लेकर माइक्रोफाइलेरिया सर्वे सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने की. सीएस ने कहा कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है, इसके परजीवी माइक्रोफाइलेरिया रात में मनुष्य के खून में सक्रिय होते हैं. उन्होंने कहा कि माइक्रोफाइलेरिया सर्वे का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया (हाथी पांव ) के संक्रमण की स्थिति को पता लगाना है, रात्रि रक्त पट के जांचोंपरांत जिन लोगों के रिपोर्ट पॉजिटिव आता है उन्हें 12 दिनों तक दवा दी जाती है. साथ ही मरीज की सतत निगरानी की जाती है. जिला मलेरिया पदाधिकारी सह भिबीडी पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने फाइलेरिया और सर्वे कार्य पर कहा कि जिले के सभी प्रखंडों में रात्रि रक्त सर्वेक्षण का कार्य किया जाना है. इस दौरान रात में लोगों के खून के नमूने लिये जायेंगे, जिससे फाइलेरिया जैसे परजीवियों का पता लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि रात्रि रक्त सर्वेक्षण कार्य को पूरी गंभीरता से करें. उन्होंने कहा कि अलग अलग क्षेत्रों में निर्धारित तिथि को सर्वे कार्य करें और लिए गए रक्त सैम्पल की जांच करें. मौके पर सुनील कुमार पंडित, शंकर कुमार, विवेकानंद शर्मा, प्रदीप रविदास आदि मौजूद थे.
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