जयनगर : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस्लाम धर्म के अनुयायी मोहम्मद साहब का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ 10 नवंबर को मनायेंगे. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. घरों को इस्लामी झंडों से सजाया जा रहा है. कारी शमीम रजा रहबर ने कहा कि इस्लाम हमें मुहब्बत व भाईचारे का पैगाम देता है.
मौलाना गुलाम सरवर कादरी में बताया कि तमाम ईदों की ईद है, ईद मिलादुन्नबी है. ईद मिलादुन्नबी की रात शबे कद्र से भी अफजल है, क्योंकि शबे कद्र में कुरान नाजिल हुआ, इसलिए वह हजार महीनों से अफजल करार पायी तो जिस रात में साहबे कुरान तशरीफ लाये वह शबे कद्र से अफजल क्यों ना होगी. वहीं कारी मुजाहिद रजा ने बताया कि सरकार ने दुखियों की मदद कर जो पैगाम दिया उस पर पालन करने की जरूरत है.
उन्होंने सारी कायनात को यह नसीहत दी कि कोई दुखी हो तो उसकी मदद करे, जो भी उनकी सूरत पर अमल कर सका. आज वह सफल माना जा सकता है. कारी शमीम रहबर ने बताया कि रबी उल अव्वल के दिन जुलूस-ए-मोहम्मदी में अमन व शांति का पैगाम दें. जुलूस में डीजे व म्यूजिक वाले नात से परहेज करें. सभी भाइयों को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद गले मिल कर दें. कारी मिनहाज ने बताया कि आप खाये और आपका पड़ोसी भूखा रह जाये तो वह ईमान नहीं रखता है. मोहम्मद साहब दुनिया के लिए आखिरी पैगंबर हैं.