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आज खुलेंगे पंडालों के पट, दर्शन देंगी मां अंबे
झुमरीतिलैया : शारदीय नवरात्र को लेकर पूरे जिले में भक्ति का माहौल है. शहर की विभिन्न पूजा समितियों द्वारा बनाये जा रहे पूजा पंडाल लगभग बनकर तैयार हो गये है. नवरात्र के छठे दिन सोमवार को ही शहर के कुछ पूजा पंडालों के पट खोल दिये जायेंगे. पट खुलते ही श्रद्धालु मां भवानी के दर्शन […]
झुमरीतिलैया : शारदीय नवरात्र को लेकर पूरे जिले में भक्ति का माहौल है. शहर की विभिन्न पूजा समितियों द्वारा बनाये जा रहे पूजा पंडाल लगभग बनकर तैयार हो गये है. नवरात्र के छठे दिन सोमवार को ही शहर के कुछ पूजा पंडालों के पट खोल दिये जायेंगे. पट खुलते ही श्रद्धालु मां भवानी के दर्शन के लिए पंडालों में पहुंचेंगे. माता की पूजा को लेकर शहर में विभिन्न स्थानों पर भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है.
पंडालों को कहीं भव्य मंदिर का प्रारूप दिया गया है, तो कहीं मां के आगमन और विदाई का प्रारूप दिया गया है. जानकारी के अड्डी बंगला पूजा पंडाल व महुआटांड़ पूजा पंडाल का पट सोमवार को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल जायेगा. यहां दर्शन के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए मेला भी लगाया गया है. मेले में श्रद्धालु विभिन्न व्यंजनों का लुफ्त उठा सकते हैं.
वहीं बच्चों के लिए झूला आकर्षण का केंद्र रहेगा. मेले में विभिन्न प्रकार के खिलौनों के साथ ही घरेलू उपयोग के सामान भी उपलब्ध है. वहीं शहर के बेलाटांड़, महाराणा प्रताप चौक, गौरी शंकर मोहल्ला, ताराटांड़ व अन्य जगहों पर सप्तमी के दिन पूजा पंडालों के पट खुलेंगे. महाराणा प्रताप चौक पर इस बार अक्षरधाम मंदिर का प्रारूप बनाया गया है.
इधर, पूजा को लेकर खरीदारी के लिए शहर में भी हलचल बढ़ गयी है. रविवार को बाजारों में लोग खरीदारी करने के लिए उमड़े तो मुख्य सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. बाजार में कपड़ा व जूता चप्पल के दुकान से लेकर रविवार को ब्लॉक रॉड में लगने वाले खस्सी बाजार में भी लोगों की काफी भीड़ दिखी. मान्यता है कि नवरात्र के नोवें दिन माता को बली चढ़ाया जाता है. ऐसे में लोगों ने बकरों की भी खूब खरीदारी की.
स्कंदमाता की हुई आराधना
शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन जिले भर में मां अंबे के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा अर्चना हुई. स्कंदमाता की उपासना कार्तिकेय स्वामी के माता के रूप में की जाती है. पुराणों के अनुसार कार्तिकेय की महिमा का वर्णन स्कंद नाम से है. इनकी माता होने के कारण मां को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. इनकी उपासना मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
करमा में दिखेगा दक्षिण भारत के मंदिर का प्रारूप
दुर्गापूजा को लेकर करमा में इस वर्ष बन रहे पूजा पंडाल में दक्षिण भारत के मंदिर का प्रारूप दिखेगा. सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश कु. शुक्ला व कार्यकारी सचिव रंजीत सिंह ने बताया कि इस वर्ष पूजा को लेकर बन रहे भव्य पंडाल का कार्य खुशबू टेंट हाउस को दिया गया है. इस वर्ष पूजा में यहां लाइटिंग आकर्षण का केंद्र रहेगा. पूजा को लेकर पूरे मंडप परिसर व मुख्य सड़क को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है.
लाइटिंग का कार्य इस वर्ष चाराडीह के रंजीत लाइट एंड साउंड को दिया गया है. इसमें कुल एक लाख 40 हजार का खर्च आ रहा है. वहीं भव्य पंडाल निर्माण में कुल तीन लाख 20 हजार का खर्च आ रहा है, जबकि माता समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा निर्माण में 60 हजार का खर्च आ रहा है. प्रतिमा निर्माण कार्य रोहित मूर्तिकार को दिया गया है.
इन्होंने बताया कि यहां माता को सप्तमी से लेकर दशमी तक विशेष तौर पर महाप्रसाद का भोग लगाया जाता है. यहां पूजा को सफल बनाने में अध्यक्ष डॉ डी मुखर्जी, सचिव चंदन चक्रवर्ती, सक्रिय सदस्य राजीव सिंह, छोटेलाल साव, राणा राजकुमार सिंह, अजय राणा, शशांक शेखर पांडेय, आरइ सिंह, अंबुज सिंह आदि लगे हैं.
आज होगी मां कात्यायनी की उपासना
नवरात्र के छठे दिन मां भवानी के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की आराधना की जाएगी. कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण माता का नाम कात्यायनी पड़ा. मां कात्यायनी की पूजा करने से शत्रुओं का विनाश तथा कुंवारी कन्याओं का विवाह होता है. मां कात्यायनी के चार हाथ हैं और मां की सवारी सिंह है. मां कात्यायनी ने शुम्भ व निशुम्भ नामक दैत्यों का संहार किया था.
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